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विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला का आगाज, डिप्टी सीएम बोले- समय के साथ आया बदलाव

बिहार के सोनपुर में लगने वाला विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेला बुधवार को शुरू हो गया। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मेले का उद्घाटन किया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 10:03 AM (IST)Updated: Thu, 22 Nov 2018 09:05 AM (IST)
विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला का आगाज, डिप्टी सीएम बोले- समय के साथ आया बदलाव
विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला का आगाज, डिप्टी सीएम बोले- समय के साथ आया बदलाव
वैशाली [जेएनएन]। ऐतिहासिक हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला के शुरू हो चुका है। बुधवार की शाम उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पर्यटन विभाग के मुख्य सांस्कृतिक पंडाल में मेले का उद्घाटन किया। उन्‍होंने कहा कि हरिहरक्षेत्र के सोनपुर मेले के स्वरूप में समय के साथ काफी बदलाव आया है।
कार्यक्रम में प्रख्यात भजन गायक अनूप जलोटा भजनों का जलवा बिखेरने के लिए उपस्थित थे। उद्घाटन समारोह की अध्‍यक्षता पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने की।
कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद संबोधित करते हुए उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि हरिहरक्षेत्र के सोनपुर मेले के स्वरूप में समय के साथ काफी बदलाव आया है। कभी यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला कहलाता था, आज यहां पशुओं की आमद में कमी आई है। हरियाणा और पंजाब से दुधारू मवेशी आने बंद हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि सोनपुर मेले में पशु-पक्षियों की खरीद-बिक्री पर रोक है, क्योंकि कानून इजाजत नहीं देता। वन्य प्राणी जीव संरक्षण अधिनियम के कारण हाथी की खरीद-बिक्री भी नहीं हो सकती, पर हाथी के आने और प्रदर्शन पर रोक नहीं है। घुड़दौड़ पर रोक नहीं है। इस बार मेले में घुड़दौड़ प्रतियोगिता होगी।
उन्होंने लोगों से गंगा और गंडक के पानी को स्वच्छ बनाए रखने की अपील की। सोनपुर में 20 करोड़ और दिघवारा में 17 करोड़ की लागत से सीवरेज एवं ट्रीटमेंट प्लांट जल्द तैयार करने की जानकारी दी। कहा कि छपरा शहर के लिए 236 करोड़ की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना है। 65 करोड़ से सिताबदियारा में रिंग बांध बनाया जा रहा है। जेपी सेतु के समानांतर नया पुल बनेगा जो कि पटना रिंग रोड का हिस्सा होगा।
हरि और हर की भूमि पर मेला 
हरि व हर की पावन भूमि पर सोनपुर मेला लगता है। धार्मिक मान्यता है कि गज और ग्राह के बीच हुए युद्ध में गज की पुकार पर यहां हरि व हर आए थे। ग्राह का वध कर हरि ने भक्त गज की रक्षा की थी। हरि के हाथों ग्राह को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी वहीं गज को नया जीवन मिला था। हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां गंगा-गंडक के संगम में स्नान करने पहुंचते हैं। 

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