धनरुआ में मनरेगा के तहत अलंग पर मिट्टी डालने का कार्य शुरू
डीडीसी ने मनरेगा अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। जांच की गति काफी धीमी है। जांच होने के पहले मंगलवार को छह मजदूर को लगा कर अलंग पर मिट्टी डालने का कार्य किया जा रहा है। बताया गया कि मजदूर भी धनरुआ पंचायत के न होकर मोरियावां पंचायत के हैं।
प्रखंड की धनरुआ पंचायत के मंझोली गांव में बिना कार्य के रुपये निकासी का मामला तूल पकड़ लिया है। दैनिक जागरण के चार जुलाई के अंक में प्रकाशित खबर के बाद स्थानीय मनरेगा कर्मचारी द्वारा आनन फानन में अलंग पर मिट्टी डालने का कार्य शुरू कराया गया। मामला उजागर होने के बाद प्रखंड के सभी पंचायतों के रोजगार सेवक व तकनीकी सहायक की नींद उड़ी हुई है, क्योंकि किसी भी पंचायत में मानक के अनुसार कार्य नहीं हुए हैं। बताया जाता है कि डीडीसी ने मनरेगा अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। जांच की गति काफी धीमी है।
जांच होने के पहले मंगलवार को छह मजदूर को लगा कर अलंग पर मिट्टी डालने का कार्य किया जा रहा है। बताया गया कि मजदूर भी धनरुआ पंचायत के न होकर मोरियावां पंचायत के हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मिट्टी डालकर मामले को रफा दफा किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो इस कार्य के सारे दस्तावेज को जला दिया गया है या कार्यालय से गायब कर दिया गया है। बिना कार्य स्थल पर गए तकनीकी सहायक द्वारा एमबी बुक करना काफी सवाल पैदा कर रहा है। अभी तक कार्य स्थल पर योजना का शिलापट्ट तक नहीं लगा है। मास्टर रोल बनाने में काफी अनियमितता बरती गई है। मजदूर की दिहाड़ी उनके खाते में न भेजकर दूसरे के खाते में भेजा गया है। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रखंड के सभी पंचायतों में मनरेगा के कार्य में स्थानीय अधिकारी के सहयोग से व्यापक तौर पर अनियमितता की गई है। क्या था मामला :
मंझोली गांव के किशोर यादव के खेत से रमानिबिगहा के मनीष यादव के खेत तक अलंग पर मिट्टी डालने का कार्य पिछले वर्ष हुआ था। कार्य पूर्ण बिना बंद हो गया था। इस वित्तीय वर्ष में पिछले कार्य को दिखा कर पैसे की निकासी का मामला सामने आया है। चौकाने वाली बात यह है कि धनरुआ मनरेगा अधिकारी वीरेंद्र कुमार को कार्य स्थल पर मिट्टी भराई की जानकारी तक नहीं है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच शुरू नहीं की गई है। मनरेगा पीओ करेंगे जांच : डीडीसी
इस पूरे मामले पर डीडीसी तनय सुल्तानिया का कहना है कि जांच का जिम्मा मनरेगा पीओ को दिया गया है। एक सवाल के जबाब में उन्होंने बताया कि अगर संबंधित अधिकारी द्वारा जांच नहीं की गई तो जवाबदेही तय कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। जरूरत पड़ने पर वो खुद कार्य स्थल पर आकर जांच करेंगे।