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Bihar Assembly Budget Session 2020: शोर-शराबों के बीच सवाल 'कुछ' का और जवाब 'कुछ और' का

बिहार में विधानसभा का बजट सत्र जारी है। शोर-शराबों के बीच कार्यवाही चल रही है। गुरुवार को यह भी देखने को मिला कि सवाल मंझौलिया का था और जवाब लौरिया का दिया जा रहा था।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 07:56 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 07:56 PM (IST)
Bihar Assembly Budget Session 2020: शोर-शराबों के बीच सवाल 'कुछ' का और जवाब 'कुछ और' का
Bihar Assembly Budget Session 2020: शोर-शराबों के बीच सवाल 'कुछ' का और जवाब 'कुछ और' का

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में विधानसभा का बजट सत्र जारी है। शोर-शराबों के बीच कार्यवाही चल रही है। गुरुवार को यह भी देखने को मिला कि सवाल मंझौलिया का था और जवाब लौरिया का दिया जा रहा था। वहीं, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने मंत्रियों-विधायकों के बारे में सदन को जानकारी दी कि ये लोग यहां झूठ नहीं बोलते हैं। गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मदन सहनी सवाल का जवाब दे रहे थे। राशन कार्ड बनाने में घपले का मामला था। प्रश्नकर्ता सदस्य सत्यदेव प्रसाद सिंह कह रहे थे कि मंत्री का जवाब सच नहीं है। वह सही नहीं बोल रहे हैं। थोड़ा शोर-शराबा हुआ। अध्यक्ष ने हस्तक्षेप किया- माननीय सदस्य, इस सदन में कोई झूठ नहीं बोलते हैं। सदस्यों ने भी उनकी बात मान ली। सब शांत हो गए। 

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प्रश्नकाल में यह भी हुआ कि सवाल कुछ था, जवाब कुछ और दिया जा रहा था। चंद्रसेन प्रसाद के साथ यह हुआ। नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सवाल किसी और विभाग का है। जवाब किसी और विभाग का दिया जा रहा है। बाद में मंत्री ने उनको यह कह कर शांत किया कि उनका काम हो जाएगा। वह अपने क्षेत्र की जर्जर सड़क को ठीक करवाना चाह रहे थे। ऐसा ही मामला कृषि मंत्री प्रेम कुमार के जवाब के दौरान भी सामने आया। वे चंपारण के लौरिया प्रखंड के बारे में बता रहे थे, जबकि सवाल मंझोलिया प्रखंड का पूछा गया था। यह प्रश्न मुख्यालय में कृषि जांच केंद्र खोलने का था।

विधानसभा अध्यक्ष ने इस सवाल को स्थगित कर दिया। अब बाद में इसका जवाब आएगा। यह सवाल विधायक मदन मोहन तिवारी का था। राजद के विजय प्रकाश का कहना था कि अधिकारी गलत जवाब दे रहे हैं। सभा अध्यक्ष ने भरोसा दिया कि सदन को मिसलीड करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। 

भाकपा माले के महबूब आलम अपनी बात कह कर रहते हैं। अन्य सदस्यों के साथ उन्होंने आज एक कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया। यह पटना विवि को केंद्रीय विवि का दर्जा देने से जुड़ा था। उन्होंने कार्य स्थगन के तौर पर प्रस्ताव पढ़ा। वह खारिज हो गया। शून्यकाल में महबूब उसी प्रस्ताव को दोबारा पढऩे लगे। पूरा सदन गौर से देखने लगा। अध्यक्ष ने महबूब आलम को रोक दिया। 

प्रश्नकाल में राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी अफसरों के बारे में बोल रहे थे। संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार सरकार का बचाव कर रहे थे। सिद्दीकी ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री अपना रोल ठीक से नहीं कर रहे हैं। पता नहीं, इन्हें किसने संसदीय कार्य मंत्री बना दिया। असल में सिद्दीकी को श्रवण कुमार की हाथ भांजने की अदा पसंद नहीं आई। उनका एतराज इसी पर था।


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