Bihar Assembly Election 2020: बाेधगया में बदलता रहा है वोटरों का मिजाज, यहां दो बार लगातार कोई नहीं बना MLA
बिहार के बोधगया सीट पर हर दूसरे चुनाव में चेहरा बदल जाता है इस बार महागठबंधन और एनडीए के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। बालिकराम तीन बार तो राजेश कुमार दो बार विधायक बने जरूर लेकिन लगातार नहीं। 1967 में यह सुरक्षित घोषित कर दी गई। पढ़ें रिपोर्ट।
विनय कुमार मिश्र, बोधगया: भगवान बुद्ध की भूमि बोधगया में चुनावी अखाड़ा सज चुका है। राजद से भाजपा के हरि मांझी जबकि महागठबंधन से राजद प्रत्याशी निवर्तमान विधायक कुमार सर्वजीत मैदान में हैं । कई अन्य भी ताल ठोक रहे हैं । हालांकि सीधा मुकाबला महागठबंधन और राजद के बीच ही माना जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी यहां का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
1957 में घोषित हुआ था विधानसभा सीट, 1967 में सुरक्षित घोषित
1957 में अस्तित्व में आए इस विधानसभा सीट से अभी तक लगातार दो बार कोई भी विधायक नहीं चुना गया है। बालिकराम तीन बार तो राजेश कुमार दो बार विधायक बने जरूर लेकिन लगातार नहीं। 1962 तक यह सामान्य सीट रही। यहां से पहली बार शांति देवी व दूसरी बार कुलदीप महतो विधायक चुने गए। यह सीट 1967 में सुरक्षित घोषित कर दी गई तब कांग्रेस के आर मांझी ने जीत हासिल की। इसके बाद बालिकराम और राजेश कुमार के इर्द-गिर्द यहां की राजनीति 1972 से 1990 तक घूमती रही। इस दौरान एक बार बालिकराम तो दूसरी बार राजेश कुमार चुने गए । इस अवधि में बालिकराम तीन बार तो राजेश कुमार दो बार विधायक बने।
फूलचंद मांझी विधायक बने पर चौखट लांघने का नहीं मिला मौका
2010 में नए परिसिमन के बाद से ही इस विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक लड़ाई दो दलों के बीच होने लगी। पिछले चुनाव में महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में राजद के कुमार सर्वजीत को जीत मिली थी। सन 2000 से 2005 तक हरि मांझी विधायक बने थे। बता दें, कि एक बार ऐसा भी मौका आया जब वर्ष 2005 के फरवरी में हुए चुनाव में राजद के प्रत्याशी फूलचंद मांझी विधायक बने । लेकिन उन्हें विधानसभा का चौखट लांघने का मौका ही नहीं मिला । क्योंकि किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण फरवरी में हुए विधानसभा को भंग कर दोबारा चुनाव कराया गया था, जिसमें भाजपा के विजय हुए थे।
बोधगया विधानसभा से चुने गए विधायकों की सूची
1957 शांति देवी, 1962 कुलदीप महतो, 1967 आर मांझी, 1969 काली राम, 1972 बालिकराम, 1977 राजेश कुमार, 1980 बालिकराम, 1985 राजेश कुमार, 1990 बालिकराम 1995 मालती देवी, 1998 उपचुनाव, जीएस रामचंद्र दास, 2000 जीतन राम मांझी, 2005 फूलचंद मांझी, 2005 हरि मांझी, 2009 उपचुनाव, कुमार सर्वजीत, 2010 श्यामदेव पासवान, 2015 कुमार सर्वजीत।