पिछले पांच वर्षों के दौरान सबसे कम राशि के यूसी लंबित रहे 2024 में
सरकार का प्रयास समय से विपत्र जमा कराने का होता है। अगर इसमें देरी हो रही तो निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत कार्रवाई भी होती है। बहरहाल बिहार के लिए अच्छी स्थिति यह कि लंबित यूसी की राशि पिछले पांच वर्षों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2023-24 में सबसे कम रही है।

राज्य ब्यूरो, पटना। उपयोगिता प्रमाण-पत्र (यूसी) या सार आकस्मिक विपत्र (एसी बिल) के विरुद्ध विस्तृत आकस्मिक विपत्र (डीसी बिल) का समय से नहीं मिलने का आशय गबन या वित्तीय अनियमितता नहीं होता है। लंबित यूसी सर्टिफिकेट और एसी बिल के संदर्भ में नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) की आपत्तियों पर मंगलवार को वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने बताया कि लेखा संधारण की प्रक्रिया के अंतर्गत कैग की ओर से इसका संज्ञान लिया जाता है।
सरकार का प्रयास समय से विपत्र जमा कराने का होता है। अगर इसमें देरी हो रही तो निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत कार्रवाई भी होती है। बहरहाल बिहार के लिए अच्छी स्थिति यह कि लंबित यूसी की राशि पिछले पांच वर्षों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2023-24 में सबसे कम रही है। शेष लंबित विपत्रों को भी समय से जमा कराने के लिए वित्त विभाग अपने स्तर से संबंधित विभागों पर दबाव बनाए हुए है।
आनंद किशोर ने बताया कि यूसी या एसी-डीसी बिल का उल्लेख लेखा संधारण की प्रक्रिया के अंतर्गत होता है। नियमानुसार 18 माह के भीतर यूसी जमा करा दिए जाने चाहिए। किन्हीं कारणों से इसमें देरी हो जाती है। कैग की ओर से भी देरी का उल्लेख है, नहीं कि वित्तीय अनियमितता का। कैग की रिपोर्ट विधान मंडल से होकर लोक लेखा समिति के समक्ष जाती है। समिति उसका परीक्षण करती है और फिर विधानसभा को अपना प्रतिवेदन सौंपती है। उस प्रतिवेदन के आधार पर सरकार आगे की कार्रवाई करती है। कैग की रिपोर्ट की किसी कंडिका पर अभी तक लोक लेखा समिति की ओर से कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की गई है।
कैग की रिपोर्ट बता रही कि 31 मार्च, 2024 तक 70877.61 करोड़ के यूसी नहीं मिले। स्मरण कराने के बावजूद इस अवधि तक 9205.76 करोड़ के डीसी बिल उपलब्ध नहीं कराए गए। इसके उत्तर में प्रधान सचिव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 115088.53 करोड़ के यूसी और 4571.18 करोड़ के डीसी बिल का समायोजन हुआ। 2024-25 में इस मद में क्रमश: 51750.72 करोड़ और 2938.97 करोड़ रुपये का समायोजन हुआ। बकाया विपत्रों के समायोजन के लिए उचित पहल हो रही।
यूसी में वर्षवार लंबित राशि
वर्ष | करोड़ रुपये |
31 मार्च, 2024 | 70877.61 |
31 मार्च, 2023 | 87947.88 |
31 मार्च, 2022 | 99178.89 |
31 मार्च, 2021 | 92687.85 |
31 मार्च, 2020 | 79690.21 |
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