सिख गुरुओं का इतिहास है जानना तो आएं पटना, बन रहा है सिख हेरिटेज एंड रिसर्च सेंटर Patna News
राजधानी के दारोगा प्रसाद राय पथ स्थित बिहार विधानसभा आवासीय परिसर के बगल में सिख हेरिटेज एंड रिसर्च सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है। जल्द ही ये बनकर तैयार हो जाएगा।
पटना, जेएनएन। गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली पटना अब सिख गुरुओं के गौरवशाली इतिहास को तलाशने और सहेजने का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगी। राजधानी के दारोगा प्रसाद राय पथ स्थित बिहार विधानसभा आवासीय परिसर के ठीक बगल में सिख हेरिटेज एंड रिसर्च सेंटर का निर्माण अब लगभग पूरा होने को है। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम 10 करोड़ की लागत से इसका निर्माण करवा रहा है। 2015 से बन रहे इस रिसर्च सेंटर का भवन बनकर तैयार हो गया है। फिनिशिंग का काम चल रहा है, जिसे इसी साल के सितंबर में पूरा कर लिया जाएगा।
10 हजार स्क्वायर फीट में फैले इस रिसर्च सेंटर का भवन 70 फीट ऊंचा है। देखने में इसका ढांचा बिल्कुल एक गुरुद्वारे की तरह है, लेकिन फिलहाल यहां धार्मिक कार्यों की बजाय रिसर्च और सोशल वेलफेयर यानी समाजसेवा से जुड़ी गतिविधियों पर फोकस किया जाएगा। बिहार सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप सिंह बग्गा ने बताया कि यहां नियमित तौर पर मेडिकल कैंप, गरीब बच्चों के लिए पढ़ाई की व्यवस्था जैसी चीजों पर फोकस किया जाएगा। इसमें धर्म और जाति का कोई बंधन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं ने समाज कल्याण को सर्वोपरि महत्व दिया है। सिख हेरिटेज एंड रिसर्च सेंटर इसी कड़ी को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने बताया कि बिहार हज भवन में चल रही सामाजिक गतिविधियों से भी प्रेरणा ली गयी है। इसके लिए सिख प्रतिनिधि बोर्ड की टीम ने हज भवन का भ्रमण किया था।
होंगी ये सुविधाएं
रिसर्च सेंटर का भवन जी प्लस फोर होगा। इस भवन में 16 कमरे हैं। इसके अलावा एक पुस्तकालय, स्कॉलर्स के लिए नौ कमरे और एक कॉन्फ्रेंस हॉल होगा। परिसर में प्रवेश करने के लिए 29 फीट ऊंचाई के दो भव्य द्वार बनाए जा रहे हैं।
गुरुनानक भवन बनाने के लिए 1975 में मिली थी जमीन
कुलदीप बताते हैं कि गुरुनानक की 500वीं जयंती के मौके पर केंद्र सरकार ने देश की सभी राज्य सरकारों को गुरुनानक भवन बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। 1975 में सरकार के आदेश के बाद बिहार में दारोगा प्रसाद राय पथ की आधा एकड़ जमीन सिख प्रतिनिधि बोर्ड को दी गई।
10 कमरों में चलता था सेवा का काम
गुरुनानक भवन के लिए उपलब्ध कराई गई जमीन पर शुरुआत में 10 कमरे और एक पुस्तकालय बनाया गया। यहां मुख्य रूप से सिख धर्मगुरुओं से जुड़े इतिहास का अध्ययन और सेवा कार्य चलाए जाते रहे। बाढ़ पीडि़तों की सहायता के लिए यहां से काफी काम हुआ। परिसर में लंगर और कीर्तन जैसी गतिविधियां भी नियमित चलती रहीं।
रिसर्च सेंटर के लिए 2015 में रखा प्रस्ताव
बिहार सिख प्रतिनिधि बोर्ड ने इस भूखंड पर सिख हेरिटेज एंड रिसर्च सेंटर बनाने का प्रस्ताव 2015 में सरकार के सामने रखा। सरकार ने कमेटी के आग्रह को स्वीकार कर लिया। इसी साल आवंटन मिला और निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया।
कैसे आया सिख हेरिटेज सेंटर बनाने का ख्याल
बिहार राज्य सिख प्रतिनिधि बोर्ड के महासचिव सरदार महेंद्र सिंह और कोषाध्यक्ष डॉ. सुदर्शन सिंह ने बताया कि बिहार और सिख धर्म का बहुत गहरा संबंध रहा है। सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव जी महाराज 1500-1600 ई के बीच बिहार में धार्मिक भ्रमण पर आए थे। नौवें गुरु श्री तेग बहादुर जी महाराज और दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना में ही हुआ था। इसलिए सिखों की आस्था बिहार से जुड़ी हुई है। गुरुनानक देव के दो पुत्र भी बिहार में धार्मिक भ्रमण किए। ऐसे में सिख गुरुओं के उद्देश्यों के प्रचार-प्रसार के लिए रिसर्च सेंटर का विचार आया।
सरकार की मदद से पूरा होगा कार्य
अध्यक्ष कुलदीप सिंह बग्गा कहते हैं कि बिहार सिख प्रतिनिधि बोर्ड ने गुरुनानक भवन और सिख हेरिटेज एंड रिसर्च सेंटर बनाने का प्रस्ताव सरकार को दिया था। सरकार की मदद से यह कार्य अब पूरा होने वाला है।