Chhath 2019: पर्व को लेकर सजे शहर के 76 घाट और 40 तालाबों दिया गया अर्घ्य Patna News
छठ की छटा राजधानी में खूब दिखाई दी। इसके लिए पूरा शहर सजाया गया था। रविवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व पूर्ण हो गया।
पटना, जेएनएन। चार दिवसीय लोक आस्था के पर्व को मनाने के लिए पटना में कई दिनों तक तैयारी चली। सुबह में साफ-सफाई और रात में रोशनी से नहाई राजधानी की लालिमा देखते ही बन रही थी। अर्घ्य देने के लिए पटना में 76 घाट और तालाबों की व्यवस्था की गई थी। साथ ही पहले खतरनाक घोषित हुए चार घाटों पर भी तालाब बनाकर व्रतियों के अर्घ्य दान की व्यवस्था की गई थी। गंगा घाटों के अलावा शहर के विभिन्न इलाकों में 40 अन्य तालाबों को भी साफ-सुथरा कर अर्घ्य के लिए तैयार किया गया था।
19 घाटों पर लगाई गई रोक
अर्घ्य की इन सरकारी व्यवस्थाओं के अतिरिक्त भी पूजा समितियों और निजी स्तर पर कई जगहों पर तालाब बनाकर अर्घ्य दिए जाने की तैयारी की थी। शनिवार को सांध्यकालीन और रविवार को प्रात:कालीन अर्घ्य के लिए पूरा शहर सज-धज के तैयार रहा। रविवार को अल सुबह ही घाटों पर मेले जैसा नजारा दिखा। गंगा के 19 खतरनाक घाटों पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से श्रद्धालुओं के जाने पर रोक रही।
विकल्प के लिए बनाए गए घाट
राजधानी क्षेत्र के 99 गंगा घाटों में से 23 को खतरनाक घोषित करने के बाद 76 पर अर्घ्य के लिए प्रशासनिक तैयारियां पहले से ही पूर्ण कर ली गईं। इसमें 23 घाटों को खतरनाक घोषित किया गया था। इन घाटों में से खाजेकलां, बालू पर, कुर्जी और एलसीटी घाट पर विकल्प के तौर पर तालाब का निर्माण कराया गया था।
तैयार कराए गए 40 तालाब
गंगा घाटों के अतिरिक्त शहर में तालाबों व पार्को में अर्घ्य देने की व्यवस्था की गई थी। प्रशासन के स्तर पर ऐसे 40 तालाबों को तैयार कराया गया था। अनिसाबाद में मानिकचंद तालाब, गर्दनीबाग तालाब व फुलवारीशरीफ प्रखंड परिसर में स्थित शिव मंदिर तालाब, करोड़ीचक में गणोश सिंह तालाब, इशोपुर में बहादुरपुर घाट तालाब और बजरंगबली कॉलोनी तालाब। नालंदा कॉलोनी स्थित उजाला भवन तालाब, महुआबाग तालाब, बीएमपी तालाब, कौटिल्य नगर तालाब, बेउर में रामचंद्र बाबू का तालाब और कल्याणी कॉलोनी में तिवारी जी के तालाब में भी अघ्र्य की व्यवस्था की गई है।
19 घाटों पर जाने के लिए लगी पाबंदी
गंगा नदी के 19 घाटों पर जाने के लिए रोक लगी रही। इन घाटों में बुद्ध घाट, अदालत घाट, मिश्री घाट, टीएन बनर्जी घाट, जजेज घाट, वंशी घाट, अंटा घाट, जहाज घाट, सिपाही घाट, बीएन कॉलेज घाट, बांकीपुर घाट, पत्थर घाट, अदरख घाट, गरेरिया घाट, पीरदमड़िया घाट, नंदगोला घाट, नुरूद्दीन घाट, बुंदेलटोली घाट और दमड़ाही घाट शामिल रहे। प्रशासन ने अपील की थी कि इन घाटों पर अर्घ्य न अर्पित किया जाए। एहतियात के लिए लाल पट्टी भी लगाई गई थी।