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पटना पहुंचा शहीद अमरजीत का पा‍र्थिव शरीर, सीएम बाेले- पुलिस सम्‍मान के साथ होगा अंतिम संस्‍कार

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सोमवार को हुए दो अलग-अलग आतंकी हमलों में बिहार के दो वीर सपूत शहीद हो गए। इनमें सिवान के अमरजीत कुमार उर्फ अमितेश का पार्थिव शरीर पटना लाया गया।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 19 Jun 2019 05:34 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jun 2019 11:03 PM (IST)
पटना पहुंचा शहीद अमरजीत का पा‍र्थिव शरीर, सीएम बाेले- पुलिस सम्‍मान के साथ होगा अंतिम संस्‍कार
पटना पहुंचा शहीद अमरजीत का पा‍र्थिव शरीर, सीएम बाेले- पुलिस सम्‍मान के साथ होगा अंतिम संस्‍कार

पटना, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सोमवार को हुए दो अलग-अलग आतंकी हमलों में बिहार के दो वीर सपूत शहीद हो गए। इनमें सिवान के अमरजीत कुमार उर्फ अमितेश व आरा के छोटे लाल यादव शामिल थे। इधर बुधवार को शहीद हुए सिवान के लाल अमरजीत का पार्थिव शरीर पटना लाया गया। पटना एयरपोर्ट पर बिहार के डिप्‍टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने श्रद्धांजलि दी। वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि शहीद जवान का पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। सीएम ने वीर सपूत की शहादत पर उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। उन्होंने कहा कि पूरा बिहार शहीद के परिवार के साथ है। शहीद जवान का राज्य सरकार की ओर से पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जायेगा।  

पुलवामा जिले में सोमवार को आतंकियों ने विस्फोटक भरे वाहन से सेना के 44 जवानों को लेकर जा रहे सैन्य वाहन को निशाना बनाया था। इस घटना में सिवान के रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के दिघवलिया गांव निवासी रिटायर्ड जवान शंकर सिंह के बड़े पुत्र 44वीं बटालियन के जवान अमरजीत कुमार उर्फ अमितेश समेत दो जवान शहीद हो गए। खबर आते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गयी। घरों में लोग जुटने लगे और अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए बेचैन हैं। पटना एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि देने के बाद शहीद अमरजीत के पार्थिव शरीर को उनके गांव भेजा गया। 

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कैंप पहुंचने से पहले ही शहीद हुए अमरजीत 

44वीं राष्ट्रीय राइफल्स के जवान जवान अमरजीत कुमार उर्फ अमितेश हाल ही में वह छुट्टी पर लखनऊ परिवार के पास आए थे। पांच दिन पहले ही अपने गांव दिघवलिया आए और यहां से कैंप वापस जा रहे थे। रास्ते में ही आतंकियों ने उनके काफिले पर विस्फोट कर दिया। चाचा संतोष सिंह को सोमवार की रात एक बजे उनके गंभीर रूप से घायल होने की सूचना मिली थी। परिजनों की चीत्कार सुन ग्रामीण एकत्र हुए और सुबह तक सैकड़ों लोग पहुंच गए।
अमरजीत के छोटे भाई भी आर्मी में हैं
अमितेश के करीबी दोस्त मनीष कुमार ने बताया कि अमितेश शुरू से ही काफी होनहार थे। 2005 में फौज में योगदान दिया था। अमितेश के छोटे भाई मुकुल कुमार भी आर्मी में हैं। अमितेश  के दो पुत्र आर्यन कुमार (10) और अनुज कुमार (7) हैं। अमितेश कुमार का पूरा परिवार लखनऊ में रहता है। घर में सिर्फ चाचा संतोष सिंह रहते हैं। 


भोजपुर में सुबह की पहली किरण लाई शोक का संदेश
 

मंगलवार की सुबह सूर्य की पहली किरण बिहिया थानान्तर्गत कटेया पंचायत के मठिया गांव निवासी दीनानाथ यादव के पुत्र छोटे लाल यादव की शहादत की खबर लेकर आई। छोटेलाल तीन भाइयों में सबसे छोटे थे और उनकी शादी नहीं हुई थी। सुबह फोन पर सूचना मिलने के बाद परिजनों की चीत्कार से गांव मे मातम पसर गया। शहीद छोटेलाल यादव ने 2015 में सेना की नौकरी ज्वाइन की थी। फिलहाल बिहार- 44 आरआर बटालियन में जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। उनकी गाड़ी को वहीं विस्फोट कर उड़ाया गया, जहां विगत 14 फरवरी को आतंकियों ने सीआरपीएफ कैंप पर  आत्मघाती हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे। शहीद छोटे लाल के पार्थिव शरीर लाया जा रहा है, ताकि गांव वाले अपने लाल का अंतिम दर्शन कर सके। 

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