बिहार में सरकारी स्तर पर धान खरीद की तारीख अब नहीं बढ़ेगी, कृषि मंत्री ने सदन में किया ऐलान
बिहार सरकार के कृषि मंत्री ने सदन में किया ऐलान धान अधिप्राप्ति की तारीख अब और नहीं बढ़ाई जाएगी कृषि मंत्री ने विधानसभा में इस बाबत आए ध्यानाकर्षण के जबाव में दी जानकारी सरकार के उत्तर पर विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया
पटना, राज्य ब्यूरो। Paddy Procurement in Bihar: धान अधिप्राप्ति के लिए तय तारीख को अब और नहीं बढ़ाया जाएगा। इक्कीस फरवरी को यह तारीख खत्म हो गयी है। मंगलवार को विधानसभा में इस बाबत आए एक ध्यानाकर्षण के जबाव में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने यह बात कही। उन्होंने सदन में यह जानकारी दी कि वर्तमान खरीफ विपणन मौसम में सूबे के 4,97,241 किसानों ने 35.59 लाख मीट्रिक टन धान को पैक्स औैर व्यापार मंडल के माध्यम से बेचा। यह विगत सभी विपणन वर्षों में हासिल उपलब्धि से अधिक है। कृषि मंत्री के जबाव से असंतुष्ट राजद ने नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में सदन का वाकआउट कर दिया।
राजद के सुधाकर सिंह, वीणा सिंह, संगीता कुमारी, विजय कुमार मंडल, भरत बिंद, राकेश कुमार रौशन और आनंद शंकर सिंह ने कैमूर जिला के किसानों को केंद्र में रख यह ध्यानाकर्षण लाया था। यह कहा गया कि कैमूर के किसानों का अब तक 65 प्रतिशत धान ही बिक सका है। इसलिए अधिप्राप्ति की तारीख पंद्रह मार्च तक बढ़ा दी जाए। वहीं कृषि मंत्री ने कहा कि अद्यतन जानकारी यह है कि कैमूर के किसानों के लिए तय लक्ष्य का 93.64 प्रतिशत का क्रय किया जा चुका है।
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने यह अनुमान लगाया है कि इक्कीस फरवरी के बाद किसानों के पास धान नहीं बचता। मिल मालिकों और कारोबारियों की मदद करने को ले अधिप्राप्ति की तारीख बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है।
विपक्ष ने एक आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में गरीबों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की योजना के तहत 32 लाख मीट्रिक टन चावल की जरूरत पड़ती है। कहां से लाएंगे इतना चावल? नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस प्रश्न में हस्तक्षेप किया। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में अनाज की कोई कमी नहीं होने देंगे। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्री का जबाव संतोषजनक नहीं है। यह कहकर वह अपने विधायकों के साथ सदन से निकल गए।