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माता के जयकारे से गूंजा शहर, मूर्तियों की होगी प्राणप्रतिष्ठा

पटनदेवी खंदा में तीन करोड़ की लागत से निर्मित भव्य मंदिर में शनिवार से मंत्रोच्चार की गूंज

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 09:36 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 06:11 AM (IST)
माता के जयकारे से गूंजा शहर, मूर्तियों की होगी प्राणप्रतिष्ठा
माता के जयकारे से गूंजा शहर, मूर्तियों की होगी प्राणप्रतिष्ठा

पटना सिटी। पटनदेवी खंदा में तीन करोड़ की लागत से निर्मित भव्य मंदिर में शनिवार से मंत्रोच्चार की गूंज ने पूरा माहौल भक्तिमय कर दिया है। भारतवर्ष के 51 शक्तिपीठों में शामिल बड़ी पटन देवी के निकट बने इस मंदिर में उजले संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। यहां 31 जनवरी को वैदिक विधि से पूजन तथा प्रतिमाओं में प्राण-प्रतिष्ठा कराई जाएगी। इससे पहले शनिवार को धार्मिक अनुष्ठान्न के लिए कलश के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के जयकारे से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा।

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मंदिर के पुनर्निर्माण, मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर में होने वाले शतचंडी महायज्ञ को लेकर कलश शोभायात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। गाजे-बाजे, और ऊंट घोड़े के साथ निकाली गयी इस भव्य शोभायात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भद्र घाट से शुरू हुई यह शोभायात्रा नगर भ्रमण करता हुआ मंदिर पहुंची। इस दौरान 2100 महिलाओं ने पवित्र गंगा जल को कलश में भरकर भद्र घाट से मंदिर तक की यात्रा पूरी की। शोभायात्रा में तरह-तरह की झाकियां भी शामिल थीं। पौराणिक संकटमोचन हनुमान मंदिर गाय घाट, मंदिर परिवार द्वारा शोभा यात्रा के अध्यक्ष को मेडल और सभी शोभायात्री को अंगवस्त्र व माला देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर गाय घाट मंदिर के पदाधिकारी एवं प्रमुख सदस्य चुन्नू चंद्रवंशी, विजय कुमार, मुकेश ठाकुर, गणेश कुमार, राजेश कुमार, मनोज शर्मा, अमित, गोपाल, छोटू गिरी, सुजीत, मोहन जी, बाबू भाई, बिट्टू, विवेक, बबलू जी, गौतम पाडेय आदि मौजूद रहे।

दो फरवरी को होगी यज्ञ की पूर्णाहुति

मंदिर के पुजारी शिवनाथ मिश्र ने बताया कि धार्मिक अनुष्ठान्न शुरू हो गया है। 30 जनवरी को मंदिर में स्थापित होने वाली प्रतिमाओं को नगर भ्रमण कराया जाएगा। दो फरवरी को यज्ञ की पूर्णाहुति व विशाल भंडारा तथा तीन फरवरी को माता का जागरण होगा। यज्ञकर्ता यूपी काशी के राजेंद्र भार्गव तथा कथावाचक श्रीधाम वृंदावन के हितेश दूबे होंगे।

श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है पटनदेवी मंदिर

माना जाता है कि बड़ी पटन देवी मंदिर के निकट बहुत बड़े गड्ढे में सैकड़ों वर्ष पूर्व सती की दाहिना जांघ कटकर गिरी थी, जिसे पटनदेवी खंदा कहा जाता है। यहां तीन वर्षों के दौरान तीन करोड़ की लागत से उजले संगमरमर से भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है। यहां एक साथ महाकाली, महासरस्वती व महालक्ष्मी की प्रतिमाओं के दर्शन भक्त करेंगे। संगमरमर की प्रतिमा से शंकर भगवान द्वारा सती को उठाए हुए दिखा गया है। विशेष आकर्षण के लिए यहां फव्वारा के बीच निर्मित प्रतिमा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। निर्माण कार्य भक्तों की सहयोग राशि से हो रहा है।

बड़े सिंहासन का हो रहा निर्माण

मंदिर में बड़े सिंहासन का निर्माण हो रहा है। मंदिर परिसर की दीवारों पर एक दर्जन से अधिक देवी-देवताओं की विभिन्न मुद्राओं वाली सुनहरी चित्रकारी की गयी है। मंदिर परिसर में बने मंडप में शादी-ब्याह की व्यवस्था और रहने के लिए कमरे का निर्माण किया जा रहा है। परिसर में बड़े हवन कुंड का निर्माण हो रहा है। सभी विकास कार्य अंतिम चरण में है।

आयोजन में इनका रहा सहयोग

भक्तों ने बताया कि महापौर सीता साहू द्वारा मंदिर परिसर में बोरिग करायी गयी है। समाजसेवी शिशिर कुमार ने बताया कि निर्माण कार्य की सफलता में नीतू साव, धन्नू उर्फ सौरभ, मंटू, बिन्नी, राजू, रवि उर्फ धीरज, बंटी साव, मनीष, अजय, मन्नू मिश्रा, संजय, उज्जवल, बद्री समेत अन्य का महत्वपूर्ण योगदान है।


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