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    Bihar News: क्‍या कर द‍िया बिहार के इस विभाग ने? दूसरे राज्‍यों से टीम पहुंच रही पटना

    By Arun Ashesh Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Wed, 12 Nov 2025 07:12 PM (IST)

    बिहार के राजस्‍व एवं भूमि सुधार विभाग की कार्यशैली दूसरे राज्‍यों को भी पसंद आ रही है। बिहार मॉडल को उन राज्‍यों में अपनाए जाने को लेकर मध्‍य प्रदेश के बाद अब कर्नाटक की टीम भी यहां पहुंची।

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    राजस्‍व एवं भूमि सुधार विभाग।

    राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Revenue and Land Reforms Department) की बदली हुई कार्यशैली दूसरे राज्यों को भा रही है।

    मध्य प्रदेश के बाद कर्नाटक के अधिकारियों की एक टीम बुधवार को पटना पहुंची। इसके सदस्यों ने जमीन से जुड़े विवादों के निबटारे और भूमि अधिग्रहण के लिए बिहार के प्रयासों का अध्ययन किया।

    अपीलीय प्राध‍िकरण की देखी पारदर्शी व्‍यवस्‍था

    बिहार माडल को वह कृष्णा प्रोजेक्ट तीन में लागू करेगा। कर्नाटक की टीम ने बिहार सरकार द्वारा 2016 में गठित भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन अपीलीय प्राधिकरणों की पारदर्शी व्यवस्था की सराहना की।

    इसके माध्यम से सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों का समयबद्ध निपटारा किया जा रहा है। 

    अपर कृष्‍णा परियोजना में लागू होगा मॉडल 

    टीम ने बताया कि बिहार माॅडल (Bihar Model) को अपर कृष्ण परियोजना तीन में लागू करने की संभावना पर विचार किया जा रहा है। टीम इस अध्ययन के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कर्नाटक सरकार को देगी। 

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    कर्नाटक सरकार की टीम का नेतृत्व कृष्णा भाग्य जल निगम लिमिटेड के एमडी केपी मोहनराज कर रहे हैं। टीम ने विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, सचिव जय सिंह, गोपाल मीणा, भू-अर्जन निदेशालय के निदेशक कमलेश कुमार सिंह तथा सहायक निदेशक आजीव वत्सराज सहित अन्य अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया।

    अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा विकसित भूमि अधिग्रहण माडल सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में एक सशक्त उदाहरण है, जिसे अन्य राज्यों द्वारा अपनाना गौरव की बात है।

    राजस्‍व एवं भूमि सुधार विभाग ने हाल में कई अहम कार्य क‍िए हैं। राजस्‍व महा अभ‍ियान चलाया जा रहा है। इसके माध्‍यम सेर जमीन के कागजात दुरुस्‍त कराए जा रहे हैं।

    इससे भूमि विवाद की घटनाओं पर काफी हद तक लगाम लग सकेगा। साथ ही क‍िसी तरह की जालसाजी की संभावना भी कम होगी।