Move to Jagran APP

इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षकों की पात्रता पर ये आया बड़ा फैसला

इंजीनियरिंग कॉलेज में प्राध्यापक बनने के लिए नेट पास करना अनिवार्य होगा। यह आदेश बुधवार को न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी की अदालत ने राम प्रवेश सिंह व 28 अन्य की याचिका को खारिज करते हुए दिया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2015 08:47 AM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2015 08:55 AM (IST)
इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षकों की पात्रता पर ये आया बड़ा फैसला

पटना। केवल सामान्य कालेजों में सहायक प्राध्यापक बनने के लिए ही पीएचडी अथवा नेट पास करना जरूरी नहीं होगा बल्कि इंजीनियरिंग कॉलेज में प्राध्यापक बनने के लिए नेट पास करना अनिवार्य होगा।

loksabha election banner

यह आदेश बुधवार को न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी की अदालत ने राम प्रवेश सिंह व 28 अन्य की याचिका को खारिज करते हुए दिया। याचिकाकर्ता का कहना था कि 2009 के पहले पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं, लेकिन उन्हें सहायक प्रोफेसर बनने के लायक नहीं समझा गया।

वे 9 सितंबर से लेकर 12 सितंबर तक हुए इंटरव्यू में शामिल होना चाहते थे। इनकी की ओर से कहा गया था कि अंग्रेजी 14, गणित के 32, भौतिक के 25 एवं रसायन के 26 पद की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था, लेकिन उन्हें योग्य नहीं समझा गया।

जबकि बिहार लोक सेवा आयोग के वकील संजय पांडेय का कहना था कि हाइकोर्ट पहले ही फैसला ले चुका है कि 2009 के पहले पीएचडी प्राप्त करने वाले प्राध्यापक बनने के योग्य नहीं होंगे। ऐसे अभ्यर्थी का नेट पास करना जरूरी होगा।

सेट उत्तीर्ण भी नहीं हो सकते सहायक प्रोफेसर के योग्य

राज्य पात्रता परीक्षा (सेट) में पास अभ्यर्थियों को भी हाइकोर्ट ने झटका दिया है। कोर्ट ने कहा कि केवल सेट परीक्षा पास करने के ही बदौलत कोई सहायक प्रोफेसर के दावेदार नहीं हो सकता है।

इसके लिए नेट की परीक्षा पास करनी जरूरी होगी या जो यूजीसी के मानदंड-2009 के तहत पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। न्यायाधीश त्रिपाठी की खंडपीठ ने ऐसे ही एक मामले को खारिज कर दिया।

जगदीश झा ने याचिका दायर कर कहा था कि कई विश्वविद्यालयों में मैथिली के 48 सहायक प्रोफेसर पद की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू में शामिल होना चाहते थे, लेकिन उन्हें सही पात्र नहीं माना गया।

इस पर अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि वह सब अब एक्सपाइरी दवा की तरह हो गई है। नये मानदंड पर खरा उतरने पर ही इस पद के दावेदार हो सकते हैं। इसके साथ ही झा की याचिका खारिज कर दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.