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बिहार में कालेजों की संबद्धता की प्रक्रिया हुई और सख्‍त, शिक्षा विभाग ने जारी की है यह गाइडलाइन

राज्‍यपाल फागू चौहान की सहमति के बाद शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को गाइडलाइन जारी कर दिया है। अब संबद्धता की प्रक्रिया पहले से सख्‍त कर दी गई है। कालेज एवं विवि प्रशासन के बीच किसी तरह की गड़बड़ी दूर करने को यह कदम उठाया गया है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 10:35 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 06:33 AM (IST)
बिहार में कालेजों की संबद्धता की प्रक्रिया हुई और सख्‍त, शिक्षा विभाग ने जारी की है यह गाइडलाइन
राज्‍य के सभी विवि के लिए गाइडलाइन जारी। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। कालेजों को संबद्ध करने की प्रक्रिया को सख्त कर दिया गया है। अब नई व्‍यवस्‍था के तहत संंबद्धता की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इससे कालेज प्रबंधन व विश्वविद्यालय प्रशासन (College and University Administration) के बीच होने वाली गड़बड़‍ियों पर नकेल कसेगी। राज्‍यपाल फागू चौहान (Governor Fagu Chauhan) की सहमति से शिक्षा विभाग ने कालेजों की संबद्धता (Affiliation of College) के लिए आवेदन की आफलाइन व्यवस्था बंद करके आनलाइन अनिवार्य कर दिया गया है। अब 18 अक्टूबर तक संबंधित विश्वविद्यालयों के माध्यम से आनलाइन आवेदन (Online Application) करना होगा। 15 जनवरी तक सभी प्राप्त आवेदनों को जांच व समीक्षा के बाद शिक्षा विभाग को भेजना होगा। विभाग ने बुधवार को इस संबंध में सभी कुलसचिवों को गाइडलाइन जारी किया। 

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अन्‍य माध्‍यम से किया गया आवेदन स्‍वीकार नहीं

विवि को भेजे गए गाइडलाइन के मुताबिक यदि कोई कालेज प्रबंधन तय अवधि में आनलाइन संबद्धन के लिए आवेदन नहीं करता है और किसी अन्य माध्यम से आवेदन करता है तो उस पर विचार नहीं किया जाएगा और आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाएगा। इसी तरह यदि विश्वविद्यालयों द्वारा कालेजों के आनलाइन आवेदन और संबंधित दस्तावेज सरकार के प्रविधान के तहत अनुशंसित नहीं किया जाता है तो उनके अनुशंसाओं को रद कर दिया जाएगा। इस  नई गाइडलाइन से कालेजों की संबद्धता की प्रक्रिया आसान नहीं रह जाएगी। 

      संबद्धन के लिए जरूरी दस्तावेज व शर्तें

  • प्रस्तावित भूमि कालेज या ट्रस्ट अथवा सोसाइटी के नाम से निबंधित अनिवार्य
  • यदि लीज की भूमि 60 वर्ष के लिए है तो 33 वर्ष के लीज पूरी होने पर वन टाइम रिन्यूअल जरूरी
  • सोसाइटी या ट्रस्ट सरकार से निबंधित होना जरूरी
  • भूमि का नजरी नक्शा अंचल कार्यालय से स्वीकृत होना जरूरी
  • भूमि की मालगुजारी की रसीद 
  • दो खंड में भूमि होने पर सीओ से दोनों के बीच की दूरी का प्रमाण पत्र
  • शहरी क्षेत्र में कालेज होने पर नगर निगम, नगर परिषद या नगर पंचायत से प्रमाण पत्र 

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