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टीबी की जांच अब दो घंटे में

- जीन एक्सपर्ट मशीन से अब होने लगी टीबी के मरीजों की जांच - पहले जांच रिपोर्ट आने में लग

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Mar 2017 03:03 AM (IST)Updated: Mon, 06 Mar 2017 03:03 AM (IST)
टीबी की जांच अब दो घंटे में
टीबी की जांच अब दो घंटे में

- जीन एक्सपर्ट मशीन से अब होने लगी टीबी के मरीजों की जांच

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- पहले जांच रिपोर्ट आने में लगते थे दो दिन

- वर्तमान में अधिकांश मरीज सरकारी से ज्यादा प्राइवेट अस्पतालों में करा रहे इलाज

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जागरण संवाददाता, पटना : जिन लोगों में टीबी की बीमारी के लक्षण हैं उनके लिए राहत देने वाली खबर है। अब इस बीमारी की पुष्टि मात्र दो घंटे में हो जाएगी। यह सब जीन एक्सपर्ट मशीन से संभव होगा जिससे टीबी के मरीजों की जांच की जाएगी। पहले इस बीमारी की जांच रिपोर्ट आने में दो दिन का समय लगता था। ये बातें रविवार को व‌र्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स द्वारा सरकारी-निजी पाटर्नरशिप मॉडल के तहत आयोजित कार्यशाला में मुंबई के ग्रांट मेडिकल कॉलेज के माइक्रो - बायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जोशी ने कहीं।

टीबी के मरीजों को दवा व जांच मुफ्त :

डॉ. जोशी ने कहा कि टीबी के मरीजों के लिए जांच काफी महत्वपूर्ण है। जांच के आधार पर ही दवाएं चलाई जाती हैं, जिससे बीमारी ठीक होती है। वर्तमान में प्रतिदिन दवा देने की व्यवस्था सरकारी एवं निजी अस्पतालों में की गई है। टीबी के मरीजों को न तो जांच के लिए पैसा देना है, न ही दवा के लिए।

2025 तक देश से टीबी का उन्मूलन :

केंद्र सरकार ने 2025 तक देश से टीबी के उन्मूलन का निर्णय लिया है। इसके तहत मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था की जा रही है। अब मरीज कहीं भी इलाज कराएं सरकार की ओर से उन्हें दवाएं मुफ्त में मुहैया कराई जाएंगी।

पटना जिले में मिले 22000 टीबी मरीज :

कार्यशाला में आए अतिथियों का स्वागत करते हुए व‌र्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स की प्रोजेक्ट हेड डॉ. नीता झा ने कहा कि वर्तमान में अधिकांश टीबी के मरीज सरकारी से ज्यादा प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। पिछले साल पटना जिले के सरकारी अस्पतालों में 4000 टीबी के मरीजों का इलाज किया गया। जबकि, निजी अस्पतालों में 18000 मरीजों का इलाज हुआ। पटना जिले में 600 डॉक्टर टीबी मरीजों का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 3 फीसद टीबी के मरीजों की मौत हो जाती है। बेहतर चिकित्सा सुविधा देकर इस बीमारी के मरीजों की जान बचाई जा सकती है। पिछले तीन वर्षो में पटना जिले में 41000 टीबी मरीजों की पहचान की गई है। जिले की 700 दवा दुकानों के माध्यम से मरीजों को दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

एक लाख पर 217 टीबी के मरीज :

कार्यशाला में टीबी के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. मेजर केएन सहाय ने कहा कि ग्लोब हेल्थ रिपोर्ट 2016 के अनुसार दुनिया भर में एक लाख आबादी पर 217 टीबी के मरीज मिले हैं। बिहार में भी काफी संख्या में टीबी के मरीज मिल रहे, उनका इलाज किया जा रहा है। लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ने के कारण अब अधिक से अधिक मरीज इलाज के लिए आगे आ रहे हैं। इस अवसर पर डॉ. बीके मिश्रा, डॉ. अशोक शंकर सिंह, उपेंद्र नाथ विद्यार्थी, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. जीएस सिंह सहित कई डॉक्टरों ने भाग लिया।

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32 जिले में जीन एक्सपर्ट मशीन की व्यवस्था :

सूबे के 32 जिलों में जीन एक्सपर्ट मशीन की व्यवस्था है। राजधानी में पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एम्स पटना एवं दो निजी एजेंसियों द्वारा जीन एक्सपर्ट मशीनसे टीबी के मरीजों की जांच की जा रही है।


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