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घर आ रहा था CRPF का जवान, उग्रवादियों ने आठ टुकड़ों में काट डाला

छुट्टी में घर आने के दौरान सीआरपीएफ के एक जवान को उग्रवादियों ने ट्रेन से उतारकर उसकी हत्‍या कर दी। शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिये। सिर को गायब कर दिया।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 16 Aug 2017 04:19 PM (IST)Updated: Wed, 16 Aug 2017 11:30 PM (IST)
घर आ रहा था CRPF का जवान, उग्रवादियों ने आठ टुकड़ों में काट डाला
घर आ रहा था CRPF का जवान, उग्रवादियों ने आठ टुकड़ों में काट डाला

पटना [जागरण टीम]। जिस दिन पूरा देश स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने में मशगूल था, उसी दिन अरुणांचल में तैनात बिहार के सिवान जिले के सीआरपीएफ जवान का शव घर आया। आठ टुकड़ों में कटा शव आने से सभी लोग हतप्रभ रह गए। शव के टुकड़ों में सिर गायब था। उग्रवादियों ने घर आने के दौरान सीआरपीएफ जवान को ट्रेन से उतारकर हत्या कर दी थी।

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सिवान जिले के आंदर थाना के भवराजपुर गांव में सीआरपीएफ जवान अवधेश बैठा (40) का शव आया तो कोहराम मच गया। भारत माता की जय के नारे के साथ सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में अंत्येष्टि हुई।

परिजन ने बताया कि बताया कि 29 जुलाई को गांव आने के लिए उन्होंने छुट्टी मंजूर कराई थी। तीन अगस्त से 23 अगस्त तक के लिए छुट्टी स्वीकृति मिली थी। उन्होंने सामान के साथ दो अगस्त को ट्रेन को पकड़ लिया लेकिन घर नहीं आए। इधर इंतजार हो ही रहा था उनकी उनकी हत्या की सूचना आई।

नवगांव जीआरपी ने घर दो अगस्त को ही सूचना भेजी कि प्लेटफार्म से थोड़ी दूरी पर आपके घर के किसी सदस्य का पैन कार्ड, आधार कार्ड, पहचान पत्र आदि मिले हैं। इसी आधार पर जीआरपी ने घर पर परिजनों को फोन कर किया। इसके बाद जवान का बेटा वहां तीन अगस्त को पहुंचा तो उसे सिर्फ सामान मिले।
वह सामान लेकर घर आने लगा।

आठ अगस्त को अभी हाजीपुर तक पहुंचा ही था कि जीआरपी ने दोबारा फोन किया कि शव मिल गया है। इस पर वह फिर वापस चला गया। वहां उसके शरीर के आठ टुकड़े जंगल में यहां-वहां मिले थे। गर्दन नहीं मिला था। शव को इकट्ठा कर पोस्टमार्टम कराने के बाद बेटे को सौंप दिया गया। मृतक के दो लड़का एवं दो लड़की है। असम में बाढ़ आने के कारण शव 15 अगस्त को गांव आया।

अवधेश को 1991 में मिली थी नौकरी
अवधेश ने वर्ष 1991 में नौकरी हासिल की, जिसमें इनकी पहली तैनाती उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में किया था। जब घटना हुई तो उस समय अरुणांचल प्रदेश के खुनसा जिले में सीआरपीएफ की 36वीं  बटालियन में तैनात थे। वे छुट्टी लेकर अपने गांव आ रहे थे। सीआरपीएफ के 10 जवान शव को गांव लेकर आए।

पांच दिनों के बाद मिला मृतक का शव
सीआरपीएफ के जवान का शरीर काटकर जहां-तहां उग्रवादियों ने फेंक दिया था। जीआरपी एवं सीआरपीएफ की टीम ने तीन अगस्त को खोजना शुरू किया। पांच दिन के बाद आठ अगस्त को कटा हुआ शव मिला और 15 अगस्त को गांव शव पहुंचा। इनकी हत्या असम के नवगांव के समीप की गई थी।

मौत की खबर सुनकर पत्नी और पुत्रियों का रो-रोकर बुरा हाल
फोन से जब मौत की खबर मिली तो पत्नी नैना देवी एवं पुत्र एवं पुत्रियों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। मृतक को दो पुत्र क्रमश: अनिल कुमार (18) वर्ष जो बीएससी फाइनल कर रहा है। छोटा बेटा उम्र (12) नौवीं कक्षा में पढ़ता है। दोनों बोटियां पूजा कुमारी एवं पुष्पा कुमारी ने इंटर में हैं।


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