लो विजिबिलिटी के कारण नहीं हो सकी दस फ्लाइट की लैंडिंग
पटना । राजधानी पटना शुक्रवार को दिनभर घने कोहरे की चादर में लिपटी रही। इसका असर विमा
पटना । राजधानी पटना शुक्रवार को दिनभर घने कोहरे की चादर में लिपटी रही। इसका असर विमानों पर देखने को मिला। लो विजिब्लिटी यानी दृश्यता कम होने के कारण सुबह 9 बजकर 45 मिनट से दोपहर के तीन बजे तक पटना एयरपोर्ट पर कई फ्लाइट की लैंडिंग नहीं हो सकी। इनमें दस से अधिक फ्लाइट डायवर्ट किए गए। इन विमानों को रात के वक्त पटना एयरपोर्ट पर लैंड कराया गया। इंडिगो, एयर इंडिया और गो एयर के विमान अधिक प्रभावित हुए। विशेषज्ञों की मानें तो कोहरा होने के कारण 800 मीटर से भी कम दृश्यता थी, जबकि विमान को लैंड कराने के लिए न्यूनतम 1200 मीटर की दृश्यता आवश्यक है।
आसमान में चक्कर काटने के बाद लौट गई फ्लाइट
कोलकाता से पटना आने वाली इंडिगो की फ्लाइट के यात्री सबसे अधिक परेशान हुए। इसमें सीट संख्या 7ए पर सफर कर रहे के परी ने बताया कि विमान कोलकाता से अपने निर्धारित समय सुबह 9:20 बजे पटना के लिए रवाना हुआ। लगभग दस बजे विमान पटना एयरपोर्ट के ऊपर पहुंच गया था। हालांकि कंट्रोल ने लैंडिंग की अनुमति नहीं दी। थोड़ी देर तक आसमान में चक्कर काटने के बाद फ्लाइट वापस कोलकाता चली गई। वहां एक घंटे तक इंतजार करने के बाद फ्लाइट दोबारा पटना के लिए प्रस्थान कर गई। वहां पहुंचने के बाद कंट्रोल ने फिर लैंडिंग की अनुमति नहीं दी, जिसके कारण फ्लाइट को रांची भेज दिया गया। रांची में आठ बजे तक यात्री विमान में बैठे रहे।
12 घंटे तक फंसे रहे यात्री
रात आठ बजे के बाद फ्लाइट को पटना के लिए उड़ान भरने की अनुमति मिली। तकरीबन 12 घंटे तक यात्री विमान में फंसे रहे। विमान कंपनी ने भी उनकी सुधि नहीं ली। यात्रियों की मानें तो इस दौरान मामूली नाश्ता परोसा गया। पीने के लिए केवल 200 एमएल पानी मिला। भूख और प्यास से यात्री बेहाल रहे। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्गो को अधिक परेशानी हुई।
समय पर रही स्पाइस जेट की फ्लाइट
अधिकारिक सूत्रों की मानें तो सुबह सबसे पहले मुंबई से आने वाली स्पाइस जेट की फ्लाइट ने निर्धारित समय 9 बजकर 10 मिनट पर लैंड की और वापसी के लिए 9:35 बजे उड़ान भर ली। मुंबई से दूसरी और दिल्ली से आने वाली पहली फ्लाइट भी निर्धारित समय पर पहुंची।
फर्श पर बैठे रहे यात्री
सुबह से दोपहर तक एयरपोर्ट के अंदर तिलभर की जगह नहीं बची। यात्री समय पर एयरपोर्ट पहुंच गए। चेक इन भी करा लिया, लेकिन विमान नहीं खुला। यात्री थक हारकर वहीं फर्श पर बैठ गए। दोपहर तीन बजे तक पार्किंग एरिया में भी वाहनों को जगह नहीं मिल रही थी। दृश्यता साफ होने के बाद एकाएक एयरपोर्ट पर विमानों का दबाव बढ़ गया। समस्या से निजात पाने में यात्रियों के पसीने छूट गए।