बिहार में डायन का आरोप लगा विधवा एवं पुत्री को पिलाया मल-मूत्र, मारपीट कर तोड़ दी अंगुलियां
बिहार के बेगूसराय में महिला और उसकी पुत्री को डायन बता पेशाब पिलाने की घटना प्रकाश में आई है। पुलिस पर पीड़िता ने कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है।
बेगूसराय, जेएनएन। बिहार के बेगूसराय में इंसानियत को शर्मसार करने वाली वारदात सामने आई है। छौड़ाही ओपी क्षेत्र के एक गांव में विधवा एवं उसकी पुत्री पर पड़ोसियों ने जमीन हड़पने का आरोप लगा उन्हें मल-मूत्र पिला दिया। इतना ही नहीं तंत्र-मंत्र करने लांछन लगा डायन कह उनकी जमकर पिटाई कर दी। पीड़ित मां-बेटी ने आरोप लगाया है कि छौड़ाही पुलिस ने उन्हें पांच दिन तक थाने पर बैठाए रखा, लेकिन ना कार्रवाई की ना प्राथमिकी दर्ज की। अब उन्हें पड़ोसियों के डर से जान बचाने के लिए दूसरे गांव में शरण लेनी पड़ी है। इस संबंध में छौड़ाही ओपी अध्यक्ष का कहना है कि आवेदन मिला है। मामले की जांच करवा रहे हैं। प्राथमिकी दर्ज होने या नहीं होने की बात का उन्होंने जवाब नहीं दिया।
रास्ता रोकर की बदसलूकी
इस संबंध में छौड़ाही ओपी क्षेत्र की विधवा वृद्ध महिला ने बताया कि उनके पति देहांत हो चुका है। पुत्र भी नहीं है। इसलिए उसने एक पुत्री को अपने यहां सेवा के लिए रखा है। 29 अगस्त को चंद्रभूषण, लल्लू दास, कंचन देवी, मीरा देवी आदि ने उनको घर जाने के दौरान रास्ते में रोक लिया। कहा कि तुम डायन हो एवं मेरे बच्चे पर तंत्र-मंत्र करती हो। चलो मेरे बच्चे को झाड़-फूंककर ठीक करो।
लात घूसे से पिटाई कर दोनों को किया गंभीर
जब विधवा महिला ने डायन होने की गलत बात फैलाने से मना किया तो उक्त लोगों ने लाठी-डंडे एवं लात घूसे से दोनों मां-बेटी की पिटाई कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। आरोपितों ने दोनों मां-बेटी मल-मूत्र घोलकर जबरन मुंह में डाल दिया। इसके बाद आरोपितों ने महिला के दोनों हाथ की अंगुलियां ईंट से तोड़ दीं और उनके घर में ताला लगाकर दोनों मां बेटी को पीटते हुए गांव से बाहर भगा दिया।
पांच दिन तक थाने में बैठाया
महिला का आरोप है कि मारपीट करने वालों ने कहा कि वापस आओगी तो हत्या कर शव गायब कर देंगे। घायल मां-बेटी छौड़ाही ओपी पहुंची तो वहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी। पीड़िता ने आवेदन दिखाते हुए बताया कि वहां पैसा लेकर काम करने की बात कही गई। इस बीच पांच दिन तक दोनों मां-बेटी को छौड़ाही ओपी में पुलिस बैठाई रही। पीड़िता ने कहा कि पुलिस वाले भद्दी-भद्दी गालियां देते थे एवं पैसा लाने का दबाव बनाते रहते थे। इसलिए दूसरे गांव जाकर शरण लेनी पड़ी।