Move to Jagran APP

मस्तिष्क को कोरोना दुष्प्रभावों से निजात दिलाएगी टेली काउंसलिग

कोरोना की पहली लहर के बाद महामारी के तात्कालिक सामाजिक-आर्थिक दुष्प्रभावों के कारण 30 से 40 प्रतिशत लोगों में घबराहट बेचैनी अनिद्रा अवसाद जैसे लक्षण उभरे। समय काउंसलिग या दवाएं प्रिस्क्राइब नहीं होने के कारण ये समस्याएं गंभीर होने के साथ कई अन्य रोगों का कारण बन जाती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Feb 2022 01:24 AM (IST)Updated: Wed, 02 Feb 2022 01:24 AM (IST)
मस्तिष्क को कोरोना दुष्प्रभावों से  निजात दिलाएगी टेली काउंसलिग
मस्तिष्क को कोरोना दुष्प्रभावों से निजात दिलाएगी टेली काउंसलिग

पटना। कोरोना की पहली लहर के बाद महामारी के तात्कालिक सामाजिक-आर्थिक दुष्प्रभावों के कारण 30 से 40 प्रतिशत लोगों में घबराहट, बेचैनी, अनिद्रा, अवसाद जैसे लक्षण उभरे। समय काउंसलिग या दवाएं प्रिस्क्राइब नहीं होने के कारण ये समस्याएं गंभीर होने के साथ कई अन्य रोगों का कारण बन जाती है। वहीं, देश के आंकड़ों के अनुसार हर सौ में से करीब 15 लोग पहले से किसी न किसी मानसिक रोग से पीड़ित थे। इतने रोगियों के उपचार के लिए प्रदेश व देश में मनोरोग विशेषज्ञों की संख्या बहुत कम है। इसे देखते हुए देश में 2,000 से ही मेंटल हेल्थ कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। कोरोना के तात्कालिक दुष्प्रभावों से अचानक मनोविकार के मरीज बढ़ने के बाद देश के सर्वोच्च संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेस (निमहंस) ने टेली काउंसलिग व उपचार की गाइडलाइन तैयार की थी। केंद्रीय बजट में उसी के आधार पर टेली मेंटल हेल्थ की शुरुआत की गई है।

loksabha election banner

-----------

कोरोना प्रतिबंधों से भी

बढ़ी रोगियों की समस्या

डा. पंकज ने बताया कि एक ओर कोरोना के कारण मनोविकार के मामले बढ़े तो दूसरी ओर प्रतिबंधों के कारण अस्पतालों में रोगियों का उपचार सीमित हो गया। सबसे अधिक सुदूर जिलों में हुई, जहां पहले से कोई मनोरोग विशेषज्ञ नहीं था। ऐसे में यह बड़ी समस्या थी कि हर जरूरतमंद तक उपचार पहुंच सके। निमहंस ने मार्च में टेली मेडिसिन गाइडलाइन जारी होने के एक माह बाद अप्रैल 2020 में ही टेली काउंसलिग की गाइडलाइन तैयार कर ली थी।

इसमें पूरी जानकारी दी गई है कि टेली काउंसलिग में किन रोगियों का उपचार किया जाना है, कौन सी दवाएं प्रिस्क्राइब करनी हैं और कौन सी दवाएं मरीज को फिजिकली देखने के बाद देनी है। इस सुविधा का लाभ सामाजिक-आर्थिक कारणों से अस्थायी मरीजों के अलावा जो लोग लंबे समय से मनोरोग से पीड़ित हैं, उन्हें भी मिल सकेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.