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तेजस्वी यादव के दिल की बात : साझा किया विधानसभा सत्र का पहला अनुभव

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने दिल की बात में इस बार विधानसभा सत्र का पहला अनुभव साझा किया है। अपने फेसबुक वॉल पर उन्होंने सदन के अपने पहले अनुभव को बहुत ही भावनात्मक अंदाज में अभिव्यक्त किया है।

By Pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Sat, 12 Dec 2015 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2015 08:09 AM (IST)
तेजस्वी यादव के दिल की बात : साझा किया विधानसभा सत्र का पहला अनुभव

पटना। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने दिल की बात में इस बार विधानसभा सत्र का पहला अनुभव साझा किया है। अपने फेसबुक वॉल पर उन्होंने सदन के अपने पहले अनुभव को बहुत ही भावनात्मक अंदाज में अभिव्यक्त किया है, जिसमें बिहार के विकास के संकल्प के साथ-साथ आम आवाम के प्रति उनका लगाव भी दिखता है।

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तेजस्वी ने लिखा है कि कार्यवाही के दौरान लोग मुझे देख रहे थे और मेरा युवा मन सदन को उत्सुकता से निहार रहा था। मैं बहुत कुछ देख रहा था, समझ रहा था और सीख रहा था। 30 नवंबर को 16वीं विधानसभा में उनका पहला दिन था। उनके साथ पहली बार निर्वाचित अन्य 98 विधायक भी थे।

तेजस्वी ने लिखा है कि वैसे तो माता-पिता के साथ बचपन से ही विधानसभा जाने का सौभाग्य मिलता रहा है, लेकिन 30 नवंबर को ऐसा अनुभव हुआ जैसे चुनौतियों एवं जिम्मेवारियों का नया अध्याय शुरू हुआ है। सदस्य होने के नाते विधानसभा जाना अलग ही उत्साह, चुनौती एवं उमंग पैदा कर रहा था।

नवनिर्वाचित सदस्य बसंत कुमार कुशवाहा के आकस्मिक निधन के कारण उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद पहले दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। अगले दिन वैसा ही अहसास समेटे सदन में गया। सबसे पहले मुझे ही शपथ लेनी थी।

कार्यवाही की गति के साथ मैं भी सदन के वातावरण में सहज होता गया। दूसरे दिन का सारा समय सदस्यों को शपथ दिलाने में ही चला गया। तीसरे दिन बचे हुए सदस्यों को शपथ दिलाने के बाद विजय कुमार चौधरी को स्पीकर चुना गया। सभी ने नए अध्यक्ष को बधाई दी और सदन में उनके योगदान और संजीदा व्यवहार को सराहा। मैंने भी युवा विधायकों को उनके अनुभव से सीखने का आग्रह किया।

तेजस्वी ने लिखा है कि कार्यवाही के बीच मैं जनप्रतिनिधियों की शारीरिक और मानसिक भाषा को समझने का प्रयत्न कर रहा था। शिष्टाचार भरी औपचारिकताओं का अध्ययन कर रहा था। इसके पीछे की मंशा और महत्व को मन के तराजू से तौल रहा था। मैंने महसूस किया कि यहां सिर्फ विधायक ही नहीं, बल्कि पूरा बिहार मौजूद है।

प्रत्येक विधायक के साथ उस क्षेत्र की जनता जनार्दन की आशाएं और सपने। हमें लगा कि कार्यवाही, सम्मान और औपचारिकताओं के बहाव में इतना नही बह जाना है कि जनता पीछे छूट जाए। उपमुख्यमंत्री एवं राजद विधायक दल का नेता होने के नाते मेरा कर्तव्य अधिक बनता है, क्योंकि मैं सिर्फ एक क्षेत्र और पार्टी का ही नहीं बल्कि पूरे बिहार की जनता का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं।

मैं अंतर्मन से बार-बार संकल्प ले रहा था कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह सुनिश्चित करेंगे कि महागठबंधन की सरकार बिहार का चहुंमुखी विकास करेगी। जनता की अपेक्षाओं, उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करेगी। सदन में अभिभावक तुल्य सदस्यों से सीखा कि यहां सिर्फ जनहित की बात होगी। सबको सकारात्मक होकर बिहार की आवाज देश की सबसे बड़ी पंचायत तक पहुंचाना है और बिहार को विकास पथ पर बढ़ाना है।


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