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तेजप्रताप नहीं बनना चाहते थे एेश्वर्या के रांझा , FB पर लिखा था-इश्क और क्रांति....

तेजप्रताप अपनी शादी से दुखी थे और इसका पता उनके फेसबुक पोस्ट से पता चलता है। उन्होंने लिखा था कि जब इश्क और क्रांति का अंजाम एक ही है तो रांझा बनने से अच्छा है भगत सिंह बन जाना।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 10:05 AM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 09:57 AM (IST)
तेजप्रताप नहीं बनना चाहते थे एेश्वर्या के रांझा , FB पर लिखा था-इश्क और क्रांति....
तेजप्रताप नहीं बनना चाहते थे एेश्वर्या के रांझा , FB पर लिखा था-इश्क और क्रांति....

पटना [राज्य ब्यूरो]।  तेजप्रताप के तेवर से लालू परिवार में नए विवादों का बवंडर अचानक नहीं आया है, बल्कि इसकी पटकथा ऐश्वर्या राय के साथ शादी के करीब एक महीने बाद से ही लिखी जाने लगी थी। लालू के पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक शादी के हफ्ते-दो हफ्ते तक तेजप्रताप और ऐश्वर्या में अच्छी पटरी थी। सबकुछ रास्ते पर था। जून के आखिरी हफ्ते से दोनों की जिंदगी बेमेल चलने लगी। इसकी तस्दीक सोशल मीडिया पर अति सक्रिय रहने वाले तेजप्रताप के पोस्ट से भी की जा सकती है। 

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ऐश्वर्या को कभी साइकिल तो कभी घोड़े पर बिठाकर तस्वीरें खिंचवाने वाले तेजप्रताप ने अदालत में तलाक के लिए अर्जी देने के पहले ही उससे जुड़ी सारी यादें मिटाने की कोशिश की है। पहली मुलाकात से लेकर बाद तक जितनी तस्वीरें उन्होंने अपने फेसबुक एकाउंट पर डाली थी, सबको डिलीट कर दिया है। जैसे ऐश्वर्या को वह जानते भी नहीं हैं।

शादी के दौरान कई तस्वीरें अपलोड की गई थीं, जिनका अब कोई अता-पता नहीं है। यहां तक कि शादी के एक दिन पहले बाबा रामदेव के साथ की चार तस्वीरें हैं, जिसमें तेजप्रताप खुद हैं।

उस दौरान हल्दी के रस्म से लेकर बारात की विदाई और वेटनरी कालेज परिसर में जयमाला कार्यक्रम से संबंधित उन्होंने मां राबड़ी देवी, बहन मीसा भारती और ऐश्वर्या के साथ कई एंगल से कई तस्वीरें डाली थी, जिनपर बहुत सारे मित्रों एवं समर्थकों के कमेंट भी आए थे। 

तेजप्रताप के फेसबुक एकाउंट पर नजर डालने पर शादी के बाद की मन:स्थिति पता चलती है। ऐश्वर्या से दूरी बढऩे के दौरान ही तेजप्रताप के फेसबुक पर दो लाइन की लिखी शायरी भी चौंकाती है। उसमें लिखा है-जब इश्क और क्रांति का अंजाम एक ही है तो रांझा बनने से अच्छा है भगत सिंह बन जाना।

जाहिर है, तेजप्रताप तभी से खुद को मझधार में पाकर धीरे-धीरे ऐश्वर्या से दूर बढ़ रहे होंगे। परिवार को इसका अहसास शायद नहीं होगा। 

तेजप्रताप का फेसबुक बताता है कि जून-जुलाई में वह कभी पटना में स्थायी रूप से ऐश्वर्या के साथ नहीं रहे।

कभी फतुहा तो कभी अपने विधानसभा क्षेत्र महुआ के गांव-गांव की खाक छानते रहे। उन्होंने सारा ब्योरा फेसबुक पर फोटो के साथ डाला भी है। भूख लगी तो सत्तू खा लिया। प्यास लगी तो कुएं का पानी पी लिया। दलितों के घर में खाना खाते हुए भी तस्वीरें खिंचवाई। जरूरत महसूस हुई तो दलितों के टोले में चापाकल पर नहा भी लिया। क्षेत्र भ्रमण के दौरान लालटेन टांगकर साइकिल भी चला ली।

कभी मथुरा तो कभी वृंदावन तो कभी कुरुक्षेत्र। ऐश्वर्या से खटपट के बाद तेजप्रताप भटक रहे थे। शांति-सुकून की तलाश में देश-प्रदेश के दौरे कर रहे थे। जाहिर है, उनका मन पटना में नहीं लग रहा होगा। ऐश्वर्या की बातें चुभ रही होंगी। तलाक की अर्जी में उन्होंने इसका इजहार भी किया है। 

राबड़ी की सुलक्षणी वधु थी ऐश्वर्या 

शादी के प्रारंभिक दिनों में राबड़ी देवी ने ऐश्वर्या को सुलक्षणी वधु बताया था। इसकी वजह थी कि शादी की तारीख तय होते ही चारा घोटाले में रांची जेल में बंद लालू प्रसाद को जमानत मिल गई थी, जबकि इसके पहले काफी मशक्कत के बाद भी सफलता नहीं मिल पा रही थी।

ऐश्वर्या को पाकर सभी गदगद थे, लेकिन कुछ दिन बाद ही ऐसी स्थिति आ गई कि परिवार में शादी के बाद जब पहली बार दुर्गा पूजा होने लगी तो घर की बड़ी बहू ही गायब थी। 


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