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लालू के 'लाल' तेजप्रताप का बदलता मूड: कभी भगवान तो कभी राजनीति, जानिए वजह

लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव का झुकाव आध्यात्म की ओर ज्यादा है। वो आजकल श्रीमद्भागवत गीता हाथ में लेकर चलते हैं। लेकिन, राजनीति में भी वो सक्रियता दिखाते हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 01:20 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 06:53 PM (IST)
लालू के 'लाल' तेजप्रताप का बदलता मूड: कभी भगवान तो कभी राजनीति, जानिए वजह
लालू के 'लाल' तेजप्रताप का बदलता मूड: कभी भगवान तो कभी राजनीति, जानिए वजह

पटना, काजल। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव मंगलवार को पिता से मिलने रांची के रिम्स पहुंचे और उनका हालचाल पूछा। पिता से मुलाकात के बाद तेजप्रताप यादव ने कहा कि मेरे पिता मेरे भगवान कृष्ण, विष्णु और महादेव हैं। ‘कई महीनों के बाद मैंने अपने पिता से मुलाकात की। मैं भावुक हो गया। मैं उन्हें प्यार करता हूं। ’ उन्होंने दावा कि पिता लालू यादव ने उनसे ‘पार्टी को आगे ले जाने को कहा है।’ 

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इसके बाद तेजप्रताप यादव ने रांची में प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें उन्होंने केंद्र की एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि युवाओं को केंद्र सरकार ने क्या दिया है? इसके साथ ही तेजप्रताप यादव ने जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पर भी तंज कसा और कहा कि वो तो बूढ़े हैं और युवाओं को राजनीति से जोड़ने की जो कवायद कर रहे हैं, उससे कुछ नहीं होने वाला है।

तेजप्रताप ने कहा कि पीके की काट मेरे पास पहले से ही मौजूद है। युवाओं और छात्रों का मुझे पूरा समर्थन मिला हुआ है। आगामी चुनावों के परिणाम बता देंगे कि कौन, किसके साथ खड़ा है?

तेजप्रताप का बदलता मूड, कभी आध्यात्म तो कभी राजनीति

कभी मंदिरों में समय बिताने वाले तेजप्रताप यादव रविवार से राजनीति में पूरी तरह से सक्रियता दिखा रहे हैं। वृंदावन-मथुरा से पटना तो फिर से वृंदावन, लेकिन, शनिवार को उन्होंने ट्वीट कर बड़ी बात कही 'हिम्मत जुनून हौसला आज भी वही है, मैंने जीने का तरीका बदला है तेवर नहीं...'

उसके बाद अचानक तेजप्रताप यादव पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पहुंच गए और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का कमरा खुलवाकर उनकी कुर्सी पर बैठ गए। इस दौरान तेजप्रताप ने मीडिया को श्रीमद्भगवदगीता दिखाकर कहा कि अगला चुनाव इसी के जरिए लड़ा जाएगा। फिर विरोधियों को चेताया- जो तेजप्रताप के सामने राजनीति में आएगा वो ध्वस्त होगा। पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह के विरोधी खतरनाक हैं।  

तेजस्वी को बताते हैं अर्जुन और खुद को कृष्ण

तेजप्रताप ने मीडिया से बातचीत में कहा, उन्होंने कहा वह तेजस्वी को ‘अर्जुन’ के रूप में देखते हैं और उन्होंने भगवान कृष्ण की भूमिका निभाने की कसम खाई है जिसने महाभारत में अर्जुन के सारथी की भूमिका निभाई थी। वो अक्सर खुद को कृष्ण और अपने छोटे भाई तेजस्वी को अर्जुन के रूप में बताते रहते हैं। 

इससे पहले भी तेजप्रताप ने कहा था कि वैसे भी कृष्ण के बिना अर्जुन को सफलता नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि हम कभी पार्टी से दूर नहीं हुए हैं और मिशन 2019 को लेकर पार्टी और संगठन की मजबूती के लिए काम करते रहेंगे। हमारा सुदर्शन चक्र चल पड़ा है और 2019-20 के चुनावों के लिए बिगुल फूंक रहा हूं। 

 

मंदिरों में घूमते रहते हैं, आध्यात्म में रमता है मन 

इतना ही नहीं, तेजप्रताप आजकल अपने पास हमेशा श्रीमद्भागवतगीता रखे रहते हैं। उनके बयान भी आध्यात्म से प्रेरित होते हैं। तेजप्रताप का मन भी ज्यादातर मंदिरों में लगता है। कभी वो वृंदावन तो कभी काशी, कभी विंध्याचल तो कभी कुरुक्षेत्र, इत्यादि धार्मिक स्थलों पर जाते रहते हैं। गायें चराना, बांसुरी बजाना, पूजा-पाठ में लीन रहना उन्हें ज्यादा भाता है।

पत्नी को देना चाहते तलाक, नहीं रहना चाहते साथ

तेजप्रताप यादव ने पत्नी को भी तलाक देने के लिए अर्जी कोर्ट में दायर की है और बार-बार कहा है कि मेरी शादी मेरी मर्जी के खिलाफ परिवारवालों ने करा दी है। मैं शादी नहीं करना चाहता था। अपनी पत्नी एेश्वर्या के बारे में भी कहते रहते हैं कि वो मेरी राधा नहीं है, वो हाई-फाई लड़की है, जिसके साथ मैं अपनी जिंदगी नहीं बिता सकता।

परिवार और पार्टी के लिए बढ़ा देते हैं परेशानियां

तेजप्रताप यादव के बयान और उनकी हरकतें मीडिया की सुर्खियां तो बनती ही हैं, लेकिन उनकी वजह से लालू परिवार भी गाहे-बगाहे परेशानियां और सामाजिक तौर पर शर्मिंदगी उठाता रहता है। ये भी है कि पार्टी के लोग भी अब उनसे कन्नी काटने लगे हैं।

एेसा इसलिए कि जब वो विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन हिस्सा लेने विधानसभा पहुुंचे तो राजद का कोई बड़ा नेता उनके साथ नहीं था। उनके फैसले से सभी आहत होते हैं, जिसके बाद शायद अपनी गलती का भी एहसास होता है और फिर वो राजनीति में अपनी सक्रियता दिखाने की कोशिश में लग जाते हैं। लेकिन, फिर वो कब पटना छोड़ किसी धार्मिक स्थल को रवाना हो जाएंगे कोई नहीं जानता?

आखिर तेजप्रताप यादव क्यों करते हैं एेसी हरकतें...

आखिर तेजप्रताप एेसी हरकतें क्यों करते हैं? इस बारे में जब हमने मनोचिकित्सक बिंदा सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि एेसे लोग पर्सनालिटी डिसअॉर्डर और विभ्रम का शिकार होते हैं और अपनी इंपोर्टेंस साबित करने के लिए एेसी हरकतें करते रहते हैं। एेसे लोग वास्तविकता से दूर भागते हैं और काल्पनिक दुनिया में खोए रहते हैं।

बिंदा सिंह ने कहा कि बचपन से एेसे लोगों की परवरिश पर ज्यादा ध्यान देते की जरूरत होती है। ये कब क्या कर बैठेंगे इन्हें खुद पता नहीं होता। भगवान की तरफ झुकाव, उनसे संबंधित बातें कर लोगों का ध्यान खुद की तरफ आकृष्ट करना, लोगों का अटेंशन प्राप्त करना ही इनका लक्ष्य होता है। इनमें धैर्य और दूसरे की बात सुनने की आदत नहीं होती। ये किसी का कहा नहीं मानते। इनकी नजर में रिश्तों की अहमियत नहीं होती। 

तलाक की जिद पर अड़े, घर से रह रहे दूर

बता दें कि जब से तेजप्रताप यादव ने पत्नी से तलाक की अर्जी कोर्ट में दायर की है वो अपने घर नहीं जा रहे हैं। वो पटना में रहकर भी घर से दूर किसी होटल में या अपने दोस्तों के साथ उनके घर पर जाकर रह रहे हैं। उन्हें ये लगता है कि घर जाने पर परिवारवाले उनपर दबाव बनाएंगे। तेजप्रताप यादव तलाक के बारे में बस एक ही बात कहते हैं कि ये मेरी खुद की लड़ाई है और मैं लड़ूंगा। 

बता दें कि उनके तलाक की अर्जी पर अगली सुनवाई आठ जनवरी को होगी, जिसमें उनकी पत्नी एेश्वर्या राय अपना पक्ष न्यायालय में रखेंगी। 


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