लंबे समय बाद पटना पहुंचे तेजस्वी यादव, बोले- आरक्षण को खत्म करना चाहते BJP-RSS
आरक्षण को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के दिए बयान पर बिहार में राजनीति तेज हो गई है। उसपर तेजस्वी ने ट्वीट कर भाजपा और आरएसएस पर आरक्षण को खत्म करने का आरोप लगाया है
By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 03:04 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 10:09 AM (IST)
पटना [जेएनएन]। बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में नेता प्रतिपक्ष व राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) मंगलवार को देर शाम दिल्ली में लंबे प्रवास के बाद पटना पहुंचे। पटना आते ही उन्होंने मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के आरक्षण (Reservation) की समीक्षा को लेकर दिए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) व भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मंशा ठीक नहीं है। वे आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं।
विदित हो कि तेजस्वी यादव गत लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में हार के बाद से मुख्यधारा की राजनीति से दूर हैं। वे पिछले दिनों पार्टी के सदस्यता अभियान में नहीं पहुंचे। हाल में वे आरजेडी की बैठक में भी नहीं आए। पार्टी व राजनीति से उनकी इस दूरी पर कई तरह के सवाल भी उठे। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने भी तीखी टिप्पणी की। इसके बाद वे मंगलवार को पटना पहुंचे। आते ही उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी। इसके पहले उन्होंने इस मुद्दे पर ट्वीट भी किया।
तेजस्वी ने कही ये बात
तेजस्वी यादव ने भागवत के बयान पर संदेह जाहिर किया। कहा कि आरक्षण को लेकर आरएसएस व बीजेपी की मंशा ठीक नहीं है। उन्होंने इसे लेकर अपने ट्वीट में भी कहा कि बहस इस बात पर करिए कि इतने वर्षों बाद भी केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों के 80 फीसद पद ख़ाली क्यों है? उनका प्रतिनिधित्व सांकेतिक भी नहीं है। केंद्र में एक भी सचिव अति पिछड़ा या आर्थिक पिछड़ा वर्ग से क्यों नहीं है? कोई कुलपति अनुसूचित जाति-जनजाति या अति पिछड़ा वर्ग से क्यों नहीं है?
तेजस्वी ने कहा कि मोहन भागवत के बयान के बाद आपको यह साफ होना चाहिए कि क्यों हम आपको “संविधान बचाओ” और “बेरोज़गारी हटाओ,आरक्षण बढ़ाओ” के नारों के साथ आगाह कर रहे थे। 'सौहार्दपूर्ण माहौल' की नौटंकी में ये आपका आरक्षण छीन लेने की साजिश है।
आरक्षण के साथ छेड़छाड़ हुई तो जन आंदोलन
इस मुद्दे पर आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने भी कहा कि आरएसएस और बीजेपी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत के बयान से साफ झलकता है कि वह आरक्षण को खत्म करने में लगे हैं। आरक्षण के साथ थोड़ी भी छेड़छाड़ की गई तो जन आंदोलन होगा और लोग सड़क पर उतर कर क्रांति करेंगे। भाई वीरेन्द्र ने मोहन भागवत पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि वे पहले भी आरक्षण को समाप्त करने की वकालत कर चुके हैं। वे जान बूझकर आरक्षण पर बहस करना चाहते हैं, ताकि उसे समाप्त किया जा सके। जिस प्रकार अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त कर दिया गया है, ठीक उसी प्रकार से आरक्षण को भी खत्म करने की सजिश की जा रही है। अगर संविधान के साथ कुछ भी छेड़छाड़ हुआ तो उसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मोहन भागवत ने क्या कहा था, जानिए
बता दें कि आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वे आरक्षण के पक्ष में हैं। जो इसके खिलाफ हैं, उन लोगों के बीच इस पर सद्भावपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए। भागवत ने कहा कि पहले भी आरक्षण पर कई बातें हुईं, लेकिन इससे काफी हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई।
विदित हो कि तेजस्वी यादव गत लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में हार के बाद से मुख्यधारा की राजनीति से दूर हैं। वे पिछले दिनों पार्टी के सदस्यता अभियान में नहीं पहुंचे। हाल में वे आरजेडी की बैठक में भी नहीं आए। पार्टी व राजनीति से उनकी इस दूरी पर कई तरह के सवाल भी उठे। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने भी तीखी टिप्पणी की। इसके बाद वे मंगलवार को पटना पहुंचे। आते ही उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी। इसके पहले उन्होंने इस मुद्दे पर ट्वीट भी किया।
तेजस्वी ने कही ये बात
तेजस्वी यादव ने भागवत के बयान पर संदेह जाहिर किया। कहा कि आरक्षण को लेकर आरएसएस व बीजेपी की मंशा ठीक नहीं है। उन्होंने इसे लेकर अपने ट्वीट में भी कहा कि बहस इस बात पर करिए कि इतने वर्षों बाद भी केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों के 80 फीसद पद ख़ाली क्यों है? उनका प्रतिनिधित्व सांकेतिक भी नहीं है। केंद्र में एक भी सचिव अति पिछड़ा या आर्थिक पिछड़ा वर्ग से क्यों नहीं है? कोई कुलपति अनुसूचित जाति-जनजाति या अति पिछड़ा वर्ग से क्यों नहीं है?
तेजस्वी ने कहा कि मोहन भागवत के बयान के बाद आपको यह साफ होना चाहिए कि क्यों हम आपको “संविधान बचाओ” और “बेरोज़गारी हटाओ,आरक्षण बढ़ाओ” के नारों के साथ आगाह कर रहे थे। 'सौहार्दपूर्ण माहौल' की नौटंकी में ये आपका आरक्षण छीन लेने की साजिश है।
आरक्षण के साथ छेड़छाड़ हुई तो जन आंदोलन
इस मुद्दे पर आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने भी कहा कि आरएसएस और बीजेपी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत के बयान से साफ झलकता है कि वह आरक्षण को खत्म करने में लगे हैं। आरक्षण के साथ थोड़ी भी छेड़छाड़ की गई तो जन आंदोलन होगा और लोग सड़क पर उतर कर क्रांति करेंगे। भाई वीरेन्द्र ने मोहन भागवत पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि वे पहले भी आरक्षण को समाप्त करने की वकालत कर चुके हैं। वे जान बूझकर आरक्षण पर बहस करना चाहते हैं, ताकि उसे समाप्त किया जा सके। जिस प्रकार अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त कर दिया गया है, ठीक उसी प्रकार से आरक्षण को भी खत्म करने की सजिश की जा रही है। अगर संविधान के साथ कुछ भी छेड़छाड़ हुआ तो उसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मोहन भागवत ने क्या कहा था, जानिए
बता दें कि आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वे आरक्षण के पक्ष में हैं। जो इसके खिलाफ हैं, उन लोगों के बीच इस पर सद्भावपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए। भागवत ने कहा कि पहले भी आरक्षण पर कई बातें हुईं, लेकिन इससे काफी हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई।
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