CM नीतीश पर भड़के तेजस्वी, बोले- आप्रवासी श्रमिकों को दिया जा रहा नमक-मिर्च के साथ सूखा भात
बिहार में इन दिनों लॉकडाउन में फंसे आप्रवासी श्रमिकों की वापसी को लेकर सियासत का दौर है। इसी क्रम में तेजस्वी यादव ने ट्वीट के माध्यम से सीएम नीतीश कुमार को घेरा है।
पटना, जेएनएन। कोरोना (CoronaVirus) संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान देश में जगह-जगह फंसे आप्रवासी श्रमिकों (Migrant Labourers) का बिहार पहुंचना जारी है। उनके लिए स्पेशल ट्रेनें (Special Trains) संचालित की जा रही हैं। इस बीच उन्हें लेकर सियासत भी लगातार चल रही है। ताजा मामला बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) व राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav) के बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के ट्वीट का है। इसमें एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री (CM) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को घेरा है। आरोप लगाया है कि बेंगलुरु से बिहार आए श्रमिकों को केवल सूखा भात (Boiled Rice) तथा नमक-मिर्च (Salt & Chilly) दिया गया। उन्होंने गरीबों के सम्मान का मुद्दा उठाते हुए इसे शर्मनाक बताया।
वीडियो में नमक-मिर्च के साथ चावल खाते दिखाया
तेजस्वी यादव ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया है। वीडियो में श्रमिकों को बिना दाल-सब्जी के नमक-मिर्च के साथ चावल (भात) खाते देखा जा सकता है। वीडियो में एक व्यक्ति यह कह रहा है कि अररिया पहुंचे सौ श्रमिकों के साथ ऐसा हुआ। जबकि, प्रशासन को उनके स्पेशल ट्रेन से पहुंचने की पूर्व सूचना थी।
ट्वीट कर उठाया गरीब श्रमिकों के सम्मान का सवाल
वीडियो के साथ तेजस्वी ने अपने पोस्ट में लिखा है कि बेंगलुरु से बिहार पहुंचे श्रमिकों को केवल सूखा भात, नमक और मिर्च देकर खानापूर्ति की गयी। इसे सरकार का पशुवत बर्ताव तथा शर्मनाक बताते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार अपने लोगों को एक वक्त का खाना ठीक से नहीं खिला सकती? क्या ग़रीबों का आत्मसम्मान नहीं होता है?
स्पेशल ट्रेनों से बिहार लाए जा रहे आप्रवासी श्रमिक
विदित हो कि आप्रवासी श्रमिकों को इन दिनों स्पेशल ट्रेनों से बिहार लाया जा रहा है। इन ट्रेनों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रमिकों को लाया जा रहा है। बिहार के प्रमुख स्टेशनों पर इस ट्रेनों के आने के बाद श्रमिकों को वहां से बस के माध्यम से उनके गांव-मोहल्ले तक भेजा जा रहा है, जहां उन्हें क्वारंटाइन किया जा रहा है।