बिहार बंद पर अलग-अलग बोले लालू-तेजस्वी, सरकार के सामने रखी ये शर्त
21 दिसंबर को राजद ने बालू-गिट्टी के संकट एवं राज्य सरकार की खनन नीति के खिलाफ बिहार बंद करने की घोषणा की है। लेकिन प्रकाश पर्व की वजह से इसे लेकर पार्टी में ही दो सुर उठने लगे हैं।
पटना [जेएनएन]। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार में बालू-गिट्टी के संकट एवं राज्य सरकार की खनन नीति के खिलाफ आगामी 21 दिसंबर को बिहार बंद करने की घोषणा की है। लेकिन अब इसे लेकर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके बेटे के सुर बदल गये हैं। एक ओर जहां तेजस्वी ने सरकार के सामने बंद न करने के लिए शर्त रखी है, वहीं लालू ने शांतिपूर्ण बंद का आह्वान किया है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार यदि बालू नीति पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले को मान लेती है तो राजद 21 दिसंबर के बिहार बंद को वापस ले लेगी। अगर सरकार ऐसा नहीं करेगी तो बिहार बंद रहेगा। बिहार में आने वाले सिख समाज के लोग यह देखेंगे कि करोड़ों लोगों का रोजगार लूटा गया। उनके बच्चों को खाने के लिए रोटी नहीं मिल रही है तो इससे ज्यादा बिहार की बदनामी क्या होगी? यह तानाशाह रवैया रहेगा तो हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
तेजस्वी ने आगे कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के संज्ञान में आया कि उस दिन समारोह है। ऐसे में किसी तरह की लोगों को समस्या न हो। न्यू बायपास और पटनासिटी के इलाके में लोगों को समस्या न हो, इसका ध्यान रखा जायेगा। हम अभी भी कहते हैं कि अपना तानाशाह रवैया छोडि़ये। गरीब के पेट पर लात मारना बंद करें। इससे बिहार बंद भी नहीं होगा। कोई तंग नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कीजिए। लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
वहीं, लालू यादव ने कहा कि प्रकाशपर्व को देखते हुए कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्ण बंद का आह्वान किया गया है। एंबुलेंस सेवा को बंद से प्रभाव नहीं पड़ेगा। साथ ही प्रकाशपर्व वाले क्षेत्र में बंद नहीं किया जायेगा।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बालू और गिट्टी को लेकर जनता को परेशानी हो रही है। मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। सरकार की गलत नीतियों के कारण बिहार के लाखों गरीब मजदूर भुखमरी के दौर से गुजर रहे हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है जिसमें बिहार सरकार ने बालू, गिट्टी और मिट्टी के खनन, बिक्री और परिवहन के लिए नए नियम बनाये थे।
गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के बालू, गिट्टी और मिट्टी के खनन, बिक्री और परिवहन के लिए बनाए गए नई नियमों पर फिलहाल रोक लगा दी थी। कोर्ट ने पुराने नियमों के तहत काम करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि बिहार में अवैध के बालू खनन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने इस साल नए नियम बनाएं। इसे 10 अक्टूबर 2017 को बिहार गजट में प्रकाशित किया गया था। 14 नवंबर को बालू-गिट्टी का रेट जारी किया गया। लेकिन यह नया नियम खनन कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों को पसंद नहीं आया। उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर रहे हैं।