तेजस्वी ने बताया- केंद्र में BJP की सरकार रहते मायावती नहीं जायेंगी संसद
तेजस्वी यादव ने संत रविदास जयंती समारोह में कहा कि जो लोग कहते हैं कि आज जातिवाद बढ़ गया है, ये वही लोग हैं जो पिछड़ों को बढ़ता देखना नहीं चाहते हैं।
By Ravi RanjanEdited By: Published: Sun, 25 Feb 2018 04:42 PM (IST)Updated: Sun, 25 Feb 2018 10:23 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। भाजपा की सरकार रहते मायावती संसद नहीं जाना चाहतीं। राजद ने मायावती को बिहार से राज्यसभा भेजने का ऑफर दिया है, जिसे मायावती नहीं मानीं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में राज्यसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद मायावती को फोन किया था। दरअसल, मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दिया था, तब लालू प्रसाद ने घोषणा की थी कि वह मायावती को बिहार से राज्यसभा भेज सकते हैं। तेजस्वी ने उसी संदर्भ में मायावती को प्रस्ताव दिया, लेकिन मायावती ने इन्कार कर दिया है।
रविदास जयंती कार्यक्रम में तेजस्वी ने बताया
संत रविदास जयंती समारोह में तेजस्वी ने दावा किया कि राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही बसपा प्रमुख मायावती को उन्होंने फोन करके राजद की ओर से राज्यसभा सदस्य बनाने की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि केंद्र में भाजपा की सरकार रहते वह संसद में नहीं जाना चाहती हैं।
पिछड़ों को आगे नहीं बढऩे देने वाले हमें कहते हैं जातिवादी
तेजस्वी यादव ने कहा है कि राजद पर जातिवादी होने का आरोप लगाने वाले वही लोग हैं, जो पिछड़ों को आगे बढऩे नहीं देना चाहते हैं। 90 के दशक में लालूजी के कार्यकाल में गरीबों को समाज की मुख्यधारा से जुडऩे का पहली बार मौका मिला।
नेता प्रतिपक्ष ने तमिलनाडु की तर्ज पर बिहार में भी 70 फीसद आरक्षण की मांग की और कहा कि संविधान बचाओ न्याय यात्रा से भाजपा के लोग घबराए हुए हैं। तेजस्वी ने नीतीश पर जनादेश के साथ धोखा करने का आरोप लगाया और कहा कि चार साल में चार सरकारें बदलकर उन्होंने विकास को चौपट कर दिया।
संत रविदास जयंती के मौके पर श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में रविवार को आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरक्षण और जातिवाद के मुद्दे पर अपनी पार्टी का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम कर रहे थे। आरक्षण के मुद्दे पर तेजस्वी ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को भी मनुवादी करार दिया और खिंचाई करते हुए कहा कि चिराग पासवान बोलते हैं कि संपन्न दलितों को आरक्षण नहीं लेना चाहिए तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि चिराग खुद आरक्षित सीट से चुनाव क्यों लड़ते हैं।
राजद के प्रदेश प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता ने केंद्र सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि आरक्षण बचाने के लिए एकजुटता की जरूरत है। राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने कहा कि लोहिया और कर्पूरी ठाकुर की लड़ाई को लालू आगे बढ़ा रहे हैं। उन्हें इसी की सजा मिली है।
रविदास रेजिमेंट की मांग
रविदास चेतना मंच के अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने समाज की ओर से आठ मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले रविदास रेजिमेंट था। अभी जब गोरखा और राजपुताना रेजिमेंट है तो रविदास रेजिमेंट क्यों नहीं हो सकता।
अन्य मांगों में प्रोन्नति में आरक्षण, विकास मित्र को पंचायत सलाहकर का वेतन, ममता दीदियों को स्थायी नौकरी, एससी-एसटी के आरक्षण को 17 से बढ़ाकर 25 फीसद करना आदि शामिल हैं। कार्यक्रम को विधायक राजेंद्र राम, सूबेदार दास, लालबाबू राम, चंदन राम, रामविलास पासवान, परमात्मा राम, सीताराम दास, घनश्याम दास हंस, ओमप्रकाश पासवान आदि ने भी संबोधित किया।
रविदास जयंती कार्यक्रम में तेजस्वी ने बताया
संत रविदास जयंती समारोह में तेजस्वी ने दावा किया कि राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही बसपा प्रमुख मायावती को उन्होंने फोन करके राजद की ओर से राज्यसभा सदस्य बनाने की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि केंद्र में भाजपा की सरकार रहते वह संसद में नहीं जाना चाहती हैं।
पिछड़ों को आगे नहीं बढऩे देने वाले हमें कहते हैं जातिवादी
तेजस्वी यादव ने कहा है कि राजद पर जातिवादी होने का आरोप लगाने वाले वही लोग हैं, जो पिछड़ों को आगे बढऩे नहीं देना चाहते हैं। 90 के दशक में लालूजी के कार्यकाल में गरीबों को समाज की मुख्यधारा से जुडऩे का पहली बार मौका मिला।
नेता प्रतिपक्ष ने तमिलनाडु की तर्ज पर बिहार में भी 70 फीसद आरक्षण की मांग की और कहा कि संविधान बचाओ न्याय यात्रा से भाजपा के लोग घबराए हुए हैं। तेजस्वी ने नीतीश पर जनादेश के साथ धोखा करने का आरोप लगाया और कहा कि चार साल में चार सरकारें बदलकर उन्होंने विकास को चौपट कर दिया।
संत रविदास जयंती के मौके पर श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में रविवार को आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरक्षण और जातिवाद के मुद्दे पर अपनी पार्टी का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम कर रहे थे। आरक्षण के मुद्दे पर तेजस्वी ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को भी मनुवादी करार दिया और खिंचाई करते हुए कहा कि चिराग पासवान बोलते हैं कि संपन्न दलितों को आरक्षण नहीं लेना चाहिए तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि चिराग खुद आरक्षित सीट से चुनाव क्यों लड़ते हैं।
राजद के प्रदेश प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता ने केंद्र सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि आरक्षण बचाने के लिए एकजुटता की जरूरत है। राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने कहा कि लोहिया और कर्पूरी ठाकुर की लड़ाई को लालू आगे बढ़ा रहे हैं। उन्हें इसी की सजा मिली है।
रविदास रेजिमेंट की मांग
रविदास चेतना मंच के अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने समाज की ओर से आठ मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले रविदास रेजिमेंट था। अभी जब गोरखा और राजपुताना रेजिमेंट है तो रविदास रेजिमेंट क्यों नहीं हो सकता।
अन्य मांगों में प्रोन्नति में आरक्षण, विकास मित्र को पंचायत सलाहकर का वेतन, ममता दीदियों को स्थायी नौकरी, एससी-एसटी के आरक्षण को 17 से बढ़ाकर 25 फीसद करना आदि शामिल हैं। कार्यक्रम को विधायक राजेंद्र राम, सूबेदार दास, लालबाबू राम, चंदन राम, रामविलास पासवान, परमात्मा राम, सीताराम दास, घनश्याम दास हंस, ओमप्रकाश पासवान आदि ने भी संबोधित किया।
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