दबंगई की हद: बकाया वेतन मांगा तो गुस्से से लाल हुआ अफसर, शिक्षक को छत से नीेचे फेंका
बिहार के एक सरकारी अधिकारी ने दबंगई की सीमाएं तोड़ दीं हैं। एक शिक्षक ने बकाया वेतन मांगा तो अफसर ने गुस्सा होकर उसे छत से नीेचे फेंक दिया। घायल शिक्षक की हालत गंभीर है।
औरंगाबाद [जेएनएन]। बिहार में सरकारी अफसर भी दबंगई पर उतर आए हैं। वे नाराज हो गए तो छत से नीचे भी फेंक सकते हैं। जी हां, बिहार के औरंगाबाद में अपने वेतन की जानकारी लेने गए एक शिक्षक पर अफसर को इतना गुस्सा आया कि उसे छत से नीचे फेंक दिया। घायल शिक्षक की हालत गंभीर है। घटना के बाद राजनीति गर्म है। स्थानीय सांसद व विधायक ने घटना के दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
पहली मंजिल से नीचे फेंका, टूट गई कमर
बिहार में सर्व शिक्षा अभियान के अफसर (डीपीओ) मिथिलेश कुमार सिंह पर आरोप लगा है कि उन्होंने बकाया वेतन संबंधी बात करने गये शिक्षक सुधीर कुमार सिंह को अपने कार्यालय की पहली मंजिल से नीचे फेंक दिया। घटना में शिक्षक की कमर टूट गई।
घायल शिक्षक की हालत गंभीर
घायल शिक्षक की हालत गंभीर बताई जा रही है। शिक्षक सुधीर सिंह का कहना है कि डीपीओ भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। जब उनसे बकाया वेतन भुगतान को लेकर सवाल किया तो बहस हो गई। इससे गुस्साए डीपीओ ने कार्यालय के कर्मियों के साथ मिलकर उन्हें पहली मंजिल से नीचे फेंक दिया।
जेडीयू नेता का भतीजा बता करते भयादोहन
घायल शिक्षक औरंगाबाद के मदनपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय नीमा में शिक्षक हैं। वे जिले के धोबडीहा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने घटना को लेकर नगर थाना में एफआइआर दर्ज कराई है। एफआइआर में डीपीओ एवं कार्यालय के कर्मी शत्रुधन कुमार भारती आरोपित किए गए हैं। शिक्षक ने आरोप लगाया है कि डीपीओ खुद को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के एक वरीय नेता का भतीजा बता भयादोहन करते हैं।
क्लर्क ने शिक्षक पर लगाए मारपीट व तोड़फोड़ के आरोप
दूसरी ओर शिक्षा विभाग के क्लर्क शत्रुघ्न कुमार भारती ने भी शिक्षक सुधीर के अलावा सुशील पांडेय, नरेंद्र प्रसाद समेत अन्य शिक्षकों को आरोपित करते हुए एफआइआर दर्ज कराई हैं। उन्होंने सभी शिक्षकों पर मारपीट व तोडफ़ोड़ करने के आरोप लगाए हैं।
सांसद-विधायक ने की कार्रवाई की मांग
इस बीच घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है। बीती शाम औरंगाबाद सदर अस्पताल में घायल शिक्षक सुधीर कुमार से मिलने सांसद सुशील कुमार सिंह पहुंचे। सांसद ने घटना की निंदा करते हुए आरोपितों पर कार्रवाई करने की मांग की। पूर्व सहाकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने भी डीपीओ को गिरफ्तार करने की मांग की है। सदर विधायक आनंद शंकर सिंह ने कहा कि किसी भी पदाधिकारी का ऐसा अमर्यादित व्यवहार शोभा नहीं देता है। विधायक ने कहा कि शिक्षकों के द्वारा बकाया राशि की मांग पर उनसे पांच हजार रुपये रिश्वत की मांग की जाती है।
डीपीओ पर पहले से भी लगते रहे हैं आरोप
विदित हो कि डीपीओ मिथिलेश सिंह पर अपने पदस्थापना काल से ही विवादों में रहे हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। .