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अवैध संबंध को लेकर बिहार में पंचायत का तालीबानी फरमान, दो की पीट-पीटकर हत्या!

बिहार में अवैध संबंध को लेकर पंचायत का तालीबानी फरमान का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि दो लोगों की पीट-पीटकर हत्‍या कर दी गई है। एसपी ने कहा हमें पता नहीं...।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 06:44 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 09:18 AM (IST)
अवैध संबंध को लेकर बिहार में पंचायत का तालीबानी फरमान, दो की पीट-पीटकर हत्या!
अवैध संबंध को लेकर बिहार में पंचायत का तालीबानी फरमान, दो की पीट-पीटकर हत्या!

जमुई, जेएनएन। बिहार में अवैध संबंध को लेकर पंचायत का तालीबानी फरमान का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि पंचाय‍त के फरमान के बाद दो लोगों की पीट-पीटकर हत्‍या कर दी गई है। मामला जमुई जिले का है। बताया जाता है कि चकाई थाना की पोझा पंचायत के अंतर्गत सिकटिया गांव में दो लोगों की हत्या की सूचना है। यद्यपि, इस घटना की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। पंचायत के फरमान के बाद ग्रामीणों ने अवैध संबंध रखने के आरोप में पूर्व पंचायत समिति सदस्य सहित दो को पीट-पीटकर मार डाला। घटना सात मई की है। वहीं इस संबंध में आरक्षी अधीक्षक (एसपी) का कहना है कि पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अपने स्‍तर से पता लगवाते हैं।  

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हैरत की बात यह है कि पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी है। चकाई थानाध्यक्ष राजीव कुमार तिवारी ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। वह पता करवाने का प्रयास कर रहे हैं। पोझा पंचायत व सकटिया गांव के पूर्व पंचायत समिति सदस्य कानू राम हांसदा और लोबन किस्कू का गांव की ही एक महिला से अवैध संबंध था। इसकी भनक लगते ही ग्रामीणों ने दोनों को आगाह किया था। बावजूद ये नहीं माने। इसे लेकर आदिवासियों की पंचायत बुलाई गई। पंचायत में आसपास के गांव जोगिया, नन्हीयां और रहिमा गांव के भी दो-चार प्रमुख लोगों को बुलाया गया था।

बताया जाता है कि पंचायत के आदेश के बाद जब दोनों की पिटाई शुरू हुई, तो आसपास के गांवों से पहुंचे लोग भाग खड़े हुए। इसे आत्महत्या साबित करने के लिए दोनों शवों को पेड़ से लटका दिया गया। बाद में ग्रामीणों ने दोनों शवों को जला दिया। इस मामले में मुखिया अवध किशोर शर्मा ने कुछ भी बोलने से परहेज किया। उनका कहना है कि आदिवासियों की पंचायत में बाहरी लोगों को नहीं बुलाया जाता है।

इस घटना की जानकारी लेने एक रिपोर्टर चापाकल मिस्त्री बनकर गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने बताया कि दोनों घरों में मातम है। दबी जुबान ग्रामीणों ने आत्महत्या की बात स्वीकार की। आदिवासियों के सख्त कानून के डर से कोई भी ग्रामीण कुछ बताने को तैयार नहीं है। मौत की सूचना मिलने पर पूर्व पंचायत समिति सदस्य कानू राम हांसदा की ससुराल चिहरा गांव से आए रिश्तेदार वहां पर मौजूद थे। इसे लेकर स्वजनों ने थाना में कोई मामला दर्ज नहीं कराया है। घटना हत्या या आत्महत्या की हो, इसे छिपाना ही संदेह को जन्म देता है। वहीं, एसपी डॉ इनामुल हक मेंगनू ने बताया कि लॉकडाउन में बहुत संवाद नहीं मिल पाता है। इसकी जानकारी नहीं मिली है। मामले की जानकारी लेकर वह अपने स्तर से इसकी जांच कराएंगे।


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