डॉक्टर का सिम स्वैप करा चेक लेकर पहुंच गया तीन लाख निकालने, एक कॉल ने पहुंचाया जेल Patna News
पटना पुलिस ने एक एेसे शातिर को गिरफ्तार किया है जो फर्जी चेक लेकर डॉक्टर के खाते से तीन लाख रुपये निकालने बैंक पहुंच गया। जानें कैसे धराया जालसाज।
पटना, जेएनएन। शातिर आपकी गाढ़ी कमाई उड़ाने के लिए क्या नहीं कर रहे। थोड़ा सतर्क रहने जरूरी है। राजधानी में फर्जी चेक लेकर प्रख्यात डॉक्टर अमूल्य कुमार सिंह के बैंक खाते से तीन लाख रुपये निकालने गए जालसाज को सचिवालय थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से दो डेबिट कार्ड व अलग-अलग नामों से बने दो आधार कार्ड एवं दो पैन कार्ड बरामद हुए। आरोपित की पहचान बेगूसराय निवासी अमर कुमार के रूप में हुई है।
पहले नंबर कराया बंद
बड़ी बात है कि जालसाज ने पहले डॉ. सिंह का मोबाइल नंबर बंद करवा दिया। इसके बाद उसी नंबर का सिम कार्ड फिर से जारी कराया और चेक लेकर बैंक में पहुंचा। थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि गिरोह में शामिल अन्य जालसाजों की तलाश की जा रही है। डॉ. सिंह ने बताया कि उनका खाता मैंगलेस रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया में है। सोमवार की शाम से उनका आइडिया कंपनी का मोबाइल नंबर काम नहीं कर रहा था। यही नंबर इस बैंक में रजिस्टर्ड है।
आवाज सुनकर बैंक कर्मियों को हुआ शक
मंगलवार की शाम अमर चेक लेकर पहुंचा तो बैंक के कर्मियों ने डॉक्टर के आइडिया वाले नंबर पर कॉल कर पूछा। उनका नंबर रिसीव हुआ। सामने से शख्स ने बोला कि हां, इन्हें तीन लाख रुपये दे दो। चूंकि, डॉक्टर हमेशा शालीनता से बात करते थे, लेकिन इस शख्स ने रूखा व्यवहार किया, इसलिए बैंक कर्मियों को शक हुआ। उन्होंने तसल्ली करने के लिए शाम चार बजे बैंक से डॉ. सिंह के मैनेजर को कॉल किया। तब मालूम हुआ कि अमर जो चेक लेकर आया है, उस नंबर का चेक डॉ. सिंह के कार्यालय में रखा है। इसके बाद फर्जीवाड़ा का भंडाफोड़ हुआ और बैंक अधिकारियों की सूचना पर सचिवालय थाने की पुलिस आई।
कॉल सेंटर फोन कर कही फोन चोरी होने की बात
डॉ. सिंह ने अपने स्तर से छानबीन की तो पता चला कि आइडिया के कॉल सेंटर में फोन कर किसी ने उनका नंबर यह कहकर ब्लॉक करा दिया था कि सेलफोन चोरी हो गया है। फिर, उनका नंबर लंगरटोली स्थित आइडिया के रिटेल काउंटर से चालू कराया गया। डॉ. सिंह जब उस रिटेल काउंटर पर गए तो वहां के कर्मियों ने यह जानकारी नहीं दी कि किस शख्स ने कौन सा प्रमाणपत्र देकर सिम कार्ड को फिर से चालू करवाया। यहां तक कि दूसरे का सिम कार्ड किसी और को जारी करने के सवाल पर भी कर्मी जवाब नहीं दे पाए।