नोएडा, रांची व पटना की रियल इस्टेट कंपनियों में निलंबित एसपी राकेश दुबे ने लगाई अवैध कमाई
आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने जांच के क्रम में पाया कि इन सभी कंस्ट्रक्शन कंपनियों में नगद राशि निवेश की गई है। हाल ही ईडी के शिकंजे में आए अनिल की कंपनी पाटलिपुत्र बिल्डर्स में भी राकेश दुबे के द्वारा राशि निवेश करने की जानकारी ईओयू को मिली है।
राज्य ब्यूरो, पटना : भोजपुर के निलंबित एसपी राकेश दुबे ने पटना, रांची, नोएडा समेत कई शहरों की रियल इस्टेट कंपनियों में निवेश किया है। आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने जांच के क्रम में पाया कि इन सभी कंस्ट्रक्शन कंपनियों में नगद राशि निवेश की गई है। हाल ही ईडी के शिकंजे में आए अनिल कुमार की कंपनी पाटलिपुत्र बिल्डर्स में भी राकेश दुबे के द्वारा राशि निवेश करने की जानकारी ईओयू को मिली है। इसके अलावा जिन रियल इस्टेट कंपनियों में निवेश के मामले अभी सामने आए हैं, उनमें आइपीसी इंफ्रास्ट्रक्चर, देवघर/रांची, कामिनी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, ख्याति कंस्ट्रक्शन, मैक्स ब्लिफ नोएडा, बिल्डकान आदि कंपनियां शामिल हैं। झारखंड के जसीडीह में सचिंद्र रेसिडेंसी नामक होटल, सुखदानी रेस्तरां और एक मैरेज हाल के निर्माण में भी अवैध कमाई निवेश की गई है।
फुलवारी में पोस्टिंग के दौरान खरीदी जमीन
ईओयू सूत्रों के अनुसार, राकेश दुबे ने बिहार पुलिस में अपनी सेवाकाल के दौरान अलग-अलग पदों पर रहते हुए अवैध कमाई कर अकूत संपत्ति बनाई है। खासकर, फुलवारीशरीफ में बतौर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) रहते हुए उन्होंने काफी जमीन खरीदी है। राकेश दुबे भले ही बालू के अवैध खनन मामले में निलंबित हुए हों मगर जांच के क्रम में उनके पूरे सेवाकाल के दौरान अर्जित संपत्ति की जांच की गई है। यही कारण है कि इतने बड़े स्तर पर अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है।
बीपीएससी से आए पुलिस सेवा में, आइपीएस में मिला था प्रमोशन
राकेश दुबे मूल रूप से झारखंड के जसीडीह के सिमरिया गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने बिहार पुलिस में 25 नवंबर, 2000 को योगदान दिया था। 42वीं बीपीएससी बैच से उनका चयन पुलिस उपाधीक्षक यानी डीएसपी के पद पर हुआ था। पुलिस सेवा के दौरान वह पटना, गया के साथ कई जगहों पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी व डीएसपी के पद पर रहे। इसके अलावा आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) में भी सेवा दी। लंबे समय तक वह राजभवन में एडीसी के पद पर भी रहे। पिछले साल दिसंबर में गृह मंत्रालय ने उनका प्रमोशन आइपीएस के रूप में किया। बतौर आइपीएस अफसर भोजपुर एसपी उनकी पहली पोस्टिंग थी।