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15 साल की बच्ची को 53 साल के RJD MLA राजवल्लभ ने बनाया था शिकार, जानिए

सुलेखा देवी नामक महिला ने 30 हजार रुपये के लिए 15 साल की नाबालिग बच्ची को 53 साल के राजद विधायक राजवल्लभ को सौंप दिया था। बच्ची के साथ विधायक ने रातभर दुष्कर्म किया था। जानिए...

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 21 Dec 2018 05:15 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 11:43 AM (IST)
15 साल की बच्ची को 53 साल के RJD MLA राजवल्लभ ने बनाया था शिकार, जानिए
15 साल की बच्ची को 53 साल के RJD MLA राजवल्लभ ने बनाया था शिकार, जानिए

पटना, जेएनएन। राबड़ी देवी सरकार में मंत्री रह चुके नवादा के 53 वर्षीय राजद विधायक राजवल्लभ यादव ने दो साल पहले नालंदा की एक 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म किया था जिसमें शुक्रवार को पटना की एमएलए-एमपी कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 

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पीड़ित की उम्र विधायक की सबसे छोटी संतान से भी कम है। छात्रा ने विधायक और उनके कार्यालयनुमा आवास की पहचान कर ली है, जिसके बाद राजवल्लभ गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गए थे। बाद में उन्होंने खुद कोर्ट में सरेंडर किया था, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। 

6 फरवरी 2016 की रात की थी घटना 

हादसा छह फरवरी 2016 की रात को हुआ था। नालंदा जिले के रहुई थाना क्षेत्र के गांव की छात्रा बिहारशरीफ के धनेश्वर घाट मोहल्ले में किराए का कमरा लेकर पढ़ाई करती थी। छह फरवरी को उसके पड़ोस में रहने वाली सुलेखा देवी, जिसे वह आंटी कहती थी, उसे बर्थडे पार्टी के बहाने बस से बख्तियारपुर ले गई थी।

इसके बाद योजनानुसार वहां पहले से खड़ी एक बोलेरो जीप में सुलेखा देवी छात्रा को बैठाकर विधायक राजवल्लभ के नवादा स्थित ठिकाने पर ले गई और 30 हजार रुपये लेकर उसे विधायक के हवाले कर दिया। विधायक का वहां कार्यालयनुमा आवास है, जहां उनके परिवार का कोई अन्य सदस्य नहीं रहता था।

छात्रा के मुताबिक विधायक ने उसे पहले पॉर्न वीडियो दिखाया, जिससे घबराकर उसने वहां से भागने की कोशिश की। लेकिन, विधायक राजवल्लभ के सुरक्षाकर्मियों ने उसे दबोच कर फिर विधायक के हवाले कर दिया। राजवल्लभ ने रातभर उसके साथ दुष्कर्म किया। छात्रा के अनुसार वह गिड़गिड़ाती रही, पर विधायक उसे धमकी देकर जबर्दस्ती करता रहा। दूसरे दिन सुबह सुलेखा वहां पहुंची और जान से मारने की धमकी देते हुए उसे उसके घर पहुंचा दिया।

पुलिस के अनुसार घटना के तीन दिन बाद पीड़ित छात्रा ने नौ फरवरी को बिहारशरीफ महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। प्राथमिकी में उसने सुलेखा और विधायक को आरोपित किया था। पीड़िता ने बयान में इस बात का भी जिक्र किया था कि वह फोटो देखकर दुष्कर्मी की पहचान कर सकती है।

विधायक की फोटो देखकर ही चिल्ला पड़ी थी पीड़िता

दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग राजवल्लभ की फोटो देखकर ही चिल्ला उठी थी। सर यही है मेरा दुष्कर्मी। इसी ने पूरी रात मेरे साथ रेप किया था। पीड़िता द्वारा दुष्कर्मी के पहचान किए जाने के बाद डीआईजी शालिन ने नवादा के राजद विधायक राजवल्लभ यादव की गिरफ्तारी का फरमान सुनाया था।

सुलेखा को पुलिस ने किया था गिरफ्तार, विधायक हो गया था फरार

सुलेखा नामक जिस महिला ने 30 हजार रुपये लेकर रात भर के लिए छात्रा की अस्मत का सौदा विधायक से किया था, उसे और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में पुलिस और राजद ने विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत दिया था।

छात्रा के आरोप की जांच करने के बाद पटना के डीआइजी शालीन कुमार ने पुष्टि की थी कि छात्रा ने फोटो देखकर विधायक राजवल्लभ यादव तथा उनके आवास की पहचान कर ली है, लिहाजा पुलिस को विधायक की गिरफ्तारी का आदेश दे दिया गया, लेकिन विधायक फरार थे। पुलिस ने विधायक के आवास और उनके अन्य संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिले। उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ था।

राजद ने कर दिया था निलंबित

दुष्कर्म के आरोपी विधायक राजवल्लभ यादव को राजद ने अपनी पार्टी से निलंबित कर दिया था। राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा था कि एेसी छवि वाले नेताओं के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है।

तेजस्वी यादव ने कहा था-

तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि कानून निष्पक्ष होकर अपना काम कर रहा है। जांच में अगर उन्हें दोषी पाया गया तो राजद नेतृत्व सख्त कार्रवाई करेगा। राजद कानून के साथ कोई समझौता करने के लिए तैयार नहीं है।

चुपके से कोर्ट पहुंचा था राजवल्लभ, किया था सरेंडर

घटना के एक महीने के बाद नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी राजद के निलंबित विधायक राजवल्लभ यादव ने बिहारशरीफ कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। राजवल्लभ यादव एक पुरानी मारुति 800 कार में बैठकर आए और गुपचुप तरीके से सरेंडर कर दिया। पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। 

बिहार सरकार राजवल्लभ की जमानत के खिलाफ गयी थी सुप्रीम कोर्ट

बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि पटना हाईकोर्ट से मिली जमानत याचिका पर फिर से गौर कर इसका फैसला दे। साथ ही बिहार सरकार ने यह भी कहा था कि इस केस में जबतक गवाहों के बयान पूरे नहीं हो जाते, तबतक राजवल्लभ को जेल में ही रहने का आदेश दिया जाए। राज्य सरकार ने बार-बार कहा था कि जेल से बाहर आने के बाद आरोपी गवाहों को प्रभावित कर सकता है।


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