राज्य ब्यूरो, पटना। राज्यसभा सदस्य और भाजपा नेता सुशील मोदी ने शनिवार को कहा कि जब लालू प्रसाद और नीतीश कुमार केंद्र में ताकतवर मंत्री थे, तब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिला पाए? मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद तो बिहार में राष्ट्रपति शासन लगवाने के लिए आधी रात के बाद राष्ट्रपति को जगाकर उनका हस्ताक्षर करवाने की सुपर पावर रखते थे। वे तेजस्वी यादव को बताएं कि विशेष दर्जा दिलाने में क्यों विफल रहे?
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिहार को 1.40 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज के रूप में जो सहायता दी, वह विशेष दर्जे से कहीं अधिक लाभकारी है। राज्य सरकार विशेष पैकेज की योजनाएं लागू करने के लिए जमीन नहीं उपलब्ध करा पाई। सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विशेष राज्य के मुद्दे का राजनीतिकरण कर विभिन्न समितियों की रिपोर्ट को झुठलाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार की पहल पर तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने विशेष राज्य के मुद्दे पर इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप बनाया था और रघुराम राजन कमेटी ने भी इस पर विचार किया था। ग्रुप और कमेटी, दोनों ने ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग स्वीकार नहीं की थी।
सुशील मोदी ने कहा कि 14वें और 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट ने तो विशेष राज्य की अवधारण को ही खारिज कर दिया। मोदी ने कहा कि इन तथ्यों की अनदेखी कर नीतीश कुमार का बार-बार विशेष राज्य की मांग करना अपनी विफलता पर पर्दा डालने की सोची-समझी रणनीति है।
जदयू का सुशील मोदी को जवाब, कहा- पीएम ने पूर्णिया में विशेष राज्य का वादा किया था
जदयू विधान पार्षद व पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय सिंह ने भाजपा नेता सुशील मोदी को आईना दिखाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्णिया की सभा में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि जिन दिनों जदयू एनडीए में था तो सुशील मोदी कहा करते थे कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। अब उनके सुर बदल गए हैं।
सिंह ने कहा कि जदयू की यह मांग तब तक रहेगी जब तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता। संजय ने कहा कि गड़े मुर्दे उखाड़ना सिर्फ सुशील मोदी को नहीं आता है। सभी को यह कला मालूम है। जब केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर एनडीए की सरकार थी तब बिहार को कितनी मदद मिली। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इसके लिए उन्होंने क्या किया? सुशील मोदी को केवल दूसरों के घरों में झांकने की आदत है।