बिहार में लगेगी तीन सीमेंट फैक्ट्री: सुशील मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि सरकार आइटी, फूड प्रोसेसिंग, वस्त्र और लेदर उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति के तहत बैंक से कर्ज लेने पर उद्यमियों 10 फीसद ब्याज अनुदान देगी।
पटना [राज्य ब्यूरो]। सरकार को बिहार में तीन सीमेंट कंपनियों ने निवेश का प्रस्ताव दिया है। सीमेंट कंपनियां बाढ़, औरंगाबाद और कैमूर जिले में फैक्ट्री लगाएंगी। उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बुधवार को यह जानकारी बिहार उद्यमी संघ की ओर से गांधी मैदान स्थित ज्ञान भवन में आयोजित 'युवा उद्यमी सम्मेलन' में साझा की।
अंबुजा सीमेंट कंपनी पटना जिले के बाढ़ में 370 करोड़ रुपये, इको कंपनी कैमूर जिले में 118 करोड़ रुपये और श्री सीमेंट ने औरंगाबाद में 500 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है। फैक्ट्री में प्रत्यक्ष रूप से चार हजार व अप्रत्यक्ष रूप से छह हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
मोदी ने कहा कि सरकार आइटी, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, वस्त्र और लेदर उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति के तहत बैंक से कर्ज लेने पर उद्यमियों 10 फीसद ब्याज अनुदान देगी। यही नहीं, जीएसटी की पुनर्वापसी, ईपीएफ और ईएसआइ की 50 फीसद राशि वापसी के साथ बिहार के लोगों को रोजगार देने पर प्रति कर्मचारी 20 हजार रुपये का अनुदान भी देगी।
मोदी ने युवाओं से जॉब सीकर नहीं, जॉब प्रोवाइडर बनने का आह्वान किया। उद्यमियों को ऋण मुहैया कराने के लिए बैंकों द्वारा हीलाहवाली किए जाने पर उपमुख्यमंत्री ने सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बैंकों के इसी रवैये कि वजह से आज मैं राजनीति में हूं।
उद्यमियों को सुशील मोदी ने बताया कि बैंकों की ओर से सर्विस, ट्रेडिंग और विनिर्माण प्रक्षेत्र को 2016-17 में 14861 करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है। 2017-18 में 17 हजार करोड़ का कर्ज सीसी लिमिट या अन्य माध्यमों से दिया जाएगा। भारत सरकार की मुद्रा और सीजीएमडीसी स्कीम के तहत भी उद्यमियों को अधिक से अधिक ऋण दिया जाएगा। बिहार में मल्टी स्टोरीज इंडस्ट्रियल पार्क के जरिए प्रदूषण विहीन उद्योग को फ्लोर स्पेस उपलब्ध करा कर जमीन के अभाव का समाधान किया जाएगा।
नई औद्योगिक नीति 2016 के तहत पिछले 15 महीने में राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद को निवेश के 652 प्रस्ताव मिले जिनमें से 539 को प्रथम चरण की स्वीकृति मिल चुकी है। इसके जरिए करीब 5 हजार करोड़ का पूंजी निवेश होगा। वित्तीय प्रोत्साहन के लिए आए 72 में से 55 को निवेश पर्षद की सहमति प्राप्त हो चुकी हैं। इनमें से 14 निवेश आ चुके हैं या अंतिम चरण में हैं। 1002 करोड़ के 3 सीमेंट कारखाने के प्रस्ताव के अलावा अन्य छोटे निवेश के प्रस्ताव हैं।
स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए 2016-17 में वेंचर फंड हेतु बिहार स्टार्टअप फंड ट्रस्ट को 50 करोड़ उपलब्ध कराया गया है। स्टार्टअप के लिए ऑनलाइन मिले 3751 प्रस्ताव में से 22 को प्रथम किस्त के रूप में 55 लाख दिया जा चुका है। इस योजना के अन्तर्गत सरकार अधिकतम 10 लाख रुपये 10 वर्षों के लिए ब्याजमुक्त कर्ज के तौर पर देगी।
स्टार्टअप नीति के तहत 5 वर्षों तक किसी संस्थान की जांच नहीं की जाएगी। औद्योगिक प्रांगण में उन्हें 10 फीसद स्थान देने के साथ विभिन्न अधिनियमों के अन्तर्गत लाइसेंस व निबंधन से उन्हें 5 वर्षों तक छूट दी जाएगी। इससे पूर्व सम्मेलन को भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी और उद्यमियों ने संबोधित किया।