सुशील मोदी का आरोप- तेजस्वी का परिवार उत्तर भारत का सबसे बड़ा जमींदार
सुशील मोदी ने लालू परिवार पर लीज के नाम पर जमीन हथियाने का आरोप लगाया है। कहा कि तेजस्वी पॉवर ऑफ अटर्नी के जरिये 255 डिस्मिल जमीन के मालिक बने।
By Ravi RanjanEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 04:58 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 10:56 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव और उनके परिवार ने गिफ्ट, बेनामी कंपनी, पावर ऑफ अटार्नी और लीज के माध्यम से बड़े पैमाने पर जमीन कब्जा करने का नायाब तरीका खोज निकाला है। उन्होंने कहा कि इस परिवार के खिलाफ अरबों की जमीन के जिस तरह दस्तावेज मिल रहे हैं उससे लगता है कि आज के दिन यह उत्तर भारत का सबसे बड़ा जमींदार परिवार बन गया है।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में मोदी ने शनिवार को पटनासिटी अनुमंडल के रानीपुर खिड़की, मिर्चाइ रोड स्थित करोड़ों रुपये की कीमती 255 डिसमिल जमीन के दस्तावेज जारी करते हुए कहा कि इसके मालिक तेजस्वी यादव बन गए हैं।
उन्होंने कहा कि 1990 से 2005 के बीच लालू यादव ने अपने बड़े भाई और वेटनरी कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी स्वर्गीय मुकुंद प्रसाद के समधियाना में अलग अलग नाम से पैसा लगाकर जमीन खरीदी। फिर 2012 में इस जमीन को तेजस्वी यादव के नाम पर 91 साल की लीज पर लिखवा लिया। उन्होंने कहा आज इस इलाके में जमीन का रेट 22 से 25 लाख रुपये कट्ठा है। सामान्यतया लीज 33 या अधिकतम 60 साल की होती है। लेकिन तेजस्वी ने 91 साल यानी आजीवन लीज करा ली। यह जमीन स्वर्गीय मुकुंद प्रसाद के दामाद रजनीकांत सिंह और उनके भाई शशिकांत, रविकांत और मां उमा देवी और अन्य रिश्तेदारों के अलग अलग नाम से खरीदी गई। इसी जमीन पर तेजस्वी ने जिंदल आयरन एंड पावर लिमिटेड की हैंडलिंग एजेंसी ले ली है।
मोदी ने कहा कि 13 जून 2012 को तेजस्वी यादव ने रजनीकांत सिंह से 104 डिसमिल, शशिकांत सिंह से 39 डिसमिल, रविकांत सिंह से 27 डिसमिल, उमा देवी से 27 डिसमिल, शिव कुमार सिंह से 27 डिसमिल, राम कुमार सिंह से 28 डिसमिल यानी कुल 255 डिसमिल जमीन 91 साल की लीज पर लिखवा ली। इस जमीन पर तेजस्वी यादव का 31 मई 2101 तक कब्जा बना रहेगा। इसमें 55.66 डिसमिल जमीन के लिए उसे पांच हजार रुपये सालाना और शेष 199.55 डिसमिल जमीन के लिए 15 हजार रुपये सालाना किराया देना होगा।
मोदी ने कहा कि लीज डीड भी कुछ इस तरह से बनाई गई है कि करोड़ों की इस जमीन पर तेजस्वी यादव का मालिकाना हक सदैव रहेगा। 91 साल के बाद यदि लीज का नवीकरण नहीं हो पाया तो महज एक हजार रुपये प्रति माह की दर से मुआवजा दिया जाएगा और लीज नवीकरण तेजस्वी की मर्जी पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि इस इलाके में आज पांच रुपये प्रति वर्ग फीट जमीन का किराया चल रहा है। यानी पांच लाख 58 हजार रुपये इसका किराया होना चाहिए।
मोदी ने कहा तेजस्वी यादव ने इस जमीन को लीज पर इसलिए लिया है क्योंकि रजिस्ट्री कराते तो आयकर विभाग को पैसा कहां से लाए, इसका जवाब देना पड़ता। उन्होंने कहा वे अवैध तरीके से अर्जित इस जमीन के दस्तावेज आयकर विभाग और अन्य जांच एजेंसियों को सौंप देंगे ताकि आगे की कार्रवाई हो सके।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में मोदी ने शनिवार को पटनासिटी अनुमंडल के रानीपुर खिड़की, मिर्चाइ रोड स्थित करोड़ों रुपये की कीमती 255 डिसमिल जमीन के दस्तावेज जारी करते हुए कहा कि इसके मालिक तेजस्वी यादव बन गए हैं।
उन्होंने कहा कि 1990 से 2005 के बीच लालू यादव ने अपने बड़े भाई और वेटनरी कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी स्वर्गीय मुकुंद प्रसाद के समधियाना में अलग अलग नाम से पैसा लगाकर जमीन खरीदी। फिर 2012 में इस जमीन को तेजस्वी यादव के नाम पर 91 साल की लीज पर लिखवा लिया। उन्होंने कहा आज इस इलाके में जमीन का रेट 22 से 25 लाख रुपये कट्ठा है। सामान्यतया लीज 33 या अधिकतम 60 साल की होती है। लेकिन तेजस्वी ने 91 साल यानी आजीवन लीज करा ली। यह जमीन स्वर्गीय मुकुंद प्रसाद के दामाद रजनीकांत सिंह और उनके भाई शशिकांत, रविकांत और मां उमा देवी और अन्य रिश्तेदारों के अलग अलग नाम से खरीदी गई। इसी जमीन पर तेजस्वी ने जिंदल आयरन एंड पावर लिमिटेड की हैंडलिंग एजेंसी ले ली है।
मोदी ने कहा कि 13 जून 2012 को तेजस्वी यादव ने रजनीकांत सिंह से 104 डिसमिल, शशिकांत सिंह से 39 डिसमिल, रविकांत सिंह से 27 डिसमिल, उमा देवी से 27 डिसमिल, शिव कुमार सिंह से 27 डिसमिल, राम कुमार सिंह से 28 डिसमिल यानी कुल 255 डिसमिल जमीन 91 साल की लीज पर लिखवा ली। इस जमीन पर तेजस्वी यादव का 31 मई 2101 तक कब्जा बना रहेगा। इसमें 55.66 डिसमिल जमीन के लिए उसे पांच हजार रुपये सालाना और शेष 199.55 डिसमिल जमीन के लिए 15 हजार रुपये सालाना किराया देना होगा।
मोदी ने कहा कि लीज डीड भी कुछ इस तरह से बनाई गई है कि करोड़ों की इस जमीन पर तेजस्वी यादव का मालिकाना हक सदैव रहेगा। 91 साल के बाद यदि लीज का नवीकरण नहीं हो पाया तो महज एक हजार रुपये प्रति माह की दर से मुआवजा दिया जाएगा और लीज नवीकरण तेजस्वी की मर्जी पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि इस इलाके में आज पांच रुपये प्रति वर्ग फीट जमीन का किराया चल रहा है। यानी पांच लाख 58 हजार रुपये इसका किराया होना चाहिए।
मोदी ने कहा तेजस्वी यादव ने इस जमीन को लीज पर इसलिए लिया है क्योंकि रजिस्ट्री कराते तो आयकर विभाग को पैसा कहां से लाए, इसका जवाब देना पड़ता। उन्होंने कहा वे अवैध तरीके से अर्जित इस जमीन के दस्तावेज आयकर विभाग और अन्य जांच एजेंसियों को सौंप देंगे ताकि आगे की कार्रवाई हो सके।
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