सुशील मोदी ने किया कटाक्ष- हारी हुई बाजी पर दांव लगा रहे हैं लालू
भाजपा नेता सुशील मोदी ने लालू यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे राष्ट्रपति चुनाव में हारी हुई बाजी पर दाव लगा रहे हैं।
पटना [राज्य ब्यूरो]। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि लालू प्रसाद राष्ट्रपति चुनाव में हारी हुई बाजी पर दांव लगा रहे हैं। दलित और बिहार की बेटी की याद उन्हें तब क्यों नहीं आई जब केंद्र में 10 वर्ष तक यूपीए की पूर्ण बहुमत की सरकार थी।
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल और प्रणव मुखर्जी को जब राष्ट्रपति बनाया गया तो दलितों के मसीहा बाबू जगजीवन राम की बेटी को क्यों भुला दिया गया? अगर पिछली बार ही मीरा कुमार को कांग्रेस ने मौका दे दिया होता तो क्या दलित की बेटी के सम्मान से बिहार गौरवान्वित नहीं होता?
राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद के नामांकन कार्यक्रम से वापस आने के बाद मोदी ने कहा कि आज लालू प्रसाद का दलितों के प्रति प्रेम उमड़ा हैं, पर जब उनके 15 वर्षों के राज में सैकड़ों दलित गाजर-मूली की तरह काटे गए, तब वे कहां थे? 1996 में बथानी टोला, 1997 में लक्ष्मणपुर बाथे, 1999 में शंकर बिगहा और 2000 में औरंगाबाद के मियांपुर में क्रमश: 22, 58, 22 और 35 दलितों का संहार किसके राज का कलंक हैं?
बिहार में जब लालू और कांग्रेस का राज था तो पंचायत के एकल पदों मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष और मेयर के लिए हुए चुनाव में दलितों को आरक्षण से वंचित कर दिया गया था। अब जब दलितों को सम्मान मिल रहा है तो लालू प्रसाद घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं।
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बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद का राष्ट्रपति बनना सुनिश्चित है। कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष केवल प्रतीकात्मक विरोध के लिए मीरा कुमार को आगे लाकर एक दलित की बेटी का अपमान कर रहा है।
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