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सुशील मोदी ने अधिकारियों को दिया निर्देश- 20 हजार करोड़ राजस्व संग्रह लक्ष्य को करें पार

सुशील मोदी ने चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक जीएसटी के अन्तर्गत 20 हजार करोड़ राजस्व संग्रह के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य के बड़े करदाताओं पर फोकस करने का निर्देश दिया।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Tue, 13 Mar 2018 07:05 PM (IST)Updated: Tue, 13 Mar 2018 09:21 PM (IST)
सुशील मोदी ने अधिकारियों को दिया निर्देश- 20 हजार करोड़ राजस्व संग्रह लक्ष्य को करें पार
सुशील मोदी ने अधिकारियों को दिया निर्देश- 20 हजार करोड़ राजस्व संग्रह लक्ष्य को करें पार

पटना [राज्य ब्यूरो]। पुराना सचिवालय के पीछे वाणिज्य कर विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद वाणिज्य कर अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक जीएसटी के अन्तर्गत 20 हजार करोड़ राजस्व संग्रह के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य के बड़े करदाताओं पर फोकस करने का निर्देश दिया। पहली अप्रैल से लागू होने वाले ई-वे बिल के लिए विभाग के अन्तर्गत हेल्प डेस्क का गठन किया गया है जहां संपर्क कर कारोबारी और ट्रांसपोर्टर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

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मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के पूर्व अप्रैल से जून तक 4,413 करोड़ और जीएसटी लागू होने के बाद जुलाई 2017 से फरवरी 2018 तक 13,658 करोड़ रुपये राजस्व का संग्रह हुआ है। अधिकारी वित्तीय वर्ष के बचे दिनों में प्रयास कर 20 हजार करोड़ के राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पार करें।

वैट की व्यवस्था के अन्तर्गत 2016-17 के दौरान राज्य के 597 बड़े कारोबारियों जिनका वार्षिक टर्न ओवर 50 से लेकर 500 करोड़ से अधिक था से कुल राजस्व का 73 फीसद संग्रह हुआ था। इनमें 500 करोड़ से अधिक का कारोबार करने वाले 36 कारोबारियों से 47 फीसद, 200 से 500 करोड़ का कारोबार करने वाले 95 डीलरों से 11.57 फीसद , 100 से 200 करोड़ के 154 कारोबारियों से 6.93 फीसद और 50 से 100 करोड़ तक के 312 कारोबारियों से 6 फीसद राजस्व की प्राप्ति हुई थी।

50 हजार से अधिक मूल्य के अन्तर राज्य माल परिवहन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था पहली अप्रैल से बिहार सहित पूरे देश में लागू की जा रही है। बिल जेनरेट होने में किसी परेशानी के निराकरण के लिए वाणिज्य कर विभाग के अन्तर्गत हेल्प डेस्क का गठन किया गया है। अप्रैल के अंतिम सप्ताह में राज्य के अंदर भी माल परिवहन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू की जायेगी। 


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