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Sushant Singh Rajput Case : सुशांत मामले में सही साबित हुआ बिहार सरकार का स्टैंड, जानिए सच्‍चाई

Sushant Singh Rajput Case सुशांत सिंह राजपूत केस में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ जांच का फैसला दिया है। इससे साफ हो गया है कि बिहार पुलिस की जांच और पटना में दर्ज एफआइआर सही थी।

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 07:51 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 08:02 PM (IST)
Sushant Singh Rajput Case : सुशांत मामले में सही साबित हुआ बिहार सरकार का स्टैंड, जानिए सच्‍चाई
Sushant Singh Rajput Case : सुशांत मामले में सही साबित हुआ बिहार सरकार का स्टैंड, जानिए सच्‍चाई

पटना, राज्य ब्यूरो। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की असली वजह अब सीबीआइ खंगालेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस संबंध में आदेश दे दिया है। साथ ही बिहार की राजधानी पटना में दर्ज प्राथमिकी को भी सही ठहराया है। इस फैसले से बिहार सरकार का स्टैंड सही साबित हुआ है और तमाम सियासी सवालों पर विराम लग गया है।

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दरअसल, इस प्रकरण में दो महीने से अधिक समय से सियासत भी गर्म थी। सुशांत के स्वजन, प्रशंसक और शुभचिंतक भी लगातार सीबीआइ जांच की मांग कर रहे थे। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से अब न्याय की उम्मीद बढ़ गई है। गौरतलब है कि पटना के राजीवनगर थाना में सुशांत के पिता केके सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। जांच के लिए मुंबई गई बिहार पुलिस की राह में मुंबई पुलिस ने भरसक रोड़ा अटकाया और महाराष्ट्र सरकार ने कोई सहयोग नहीं किया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद साफ हो गया है कि बिहार पुलिस की जांच और पटना में दर्ज की गई प्राथमिकी सही थी। सीबीआइ जांच के आदेश के बाद अब लोग भरोसा कर सकते हैं कि न्याय होगा। हमारा शुरू से ही मानना था कि यह न्याय का मामला है, इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। बिहार में कानून के हिसाब से ही काम हुआ है। संविधान का पूरी तरह अनुपालन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद साफ हो गया है कि हम न्यायसंगत तरीके से आगे बढ़ रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकरण का रिश्ता सिर्फ सुशांत के स्वजनों और समर्थकों से नहीं है। न ही इसे चुनाव से जोड़कर देखा जाना चाहिए। इसका रिश्ता सिर्फ न्याय से है। कुछ लोग इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश में थे, लेकिन ऐसे लोगों को समझ लेना चाहिए था कि पूरा देश सच्चाई जानना चाहता है। इसलिए न्यायसंगत बात ही होनी चाहिए।

यह सत्य की जीत है

बातों की कड़ी जोड़ते हुए बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय कहते हैं कि अब सुशांत के स्वजनों को न्याय मिल पाएगा, इसकी उम्मीद जगी है। अन्याय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न्याय की उम्मीद जगाता है। यह सत्य की जीत है। बिहार ही नहीं, यह देश के करोड़ों लोगों की जीत है, जो न्याय चाहते हैं। फैसला बता रहा है कि बिहार पुलिस ने कुछ भी गलत नहीं किया। मैं बतौर डीजीपी इस फैसले का स्वागत करता हूं। हम सही थे। देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था में लोगों की आस्था और बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस ने सुशांत प्रकरण की जांच को लेकर जो पहल की थी, उसे सर्वोच्च अदालत ने सही ठहराया है। बिहार सरकार की कार्यशैली को अदालत ने सही माना है। रिया चक्रवर्ती ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जो टिप्पणी की, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। रिया की औकात मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करने की नहीं है।

आरोपित निर्दोष हैं तो डर किस बात का

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा के मुताबिक सीबीआइ को केवल इस बात की तहकीकात करनी है कि सुशांत की हत्या हुई थी या फिर उसने आत्महत्या कर ली थी। आश्चर्य है कि महाराष्ट्र सरकार ने पहले सीबीआइ, फिर बिहार पुलिस की जांच का विरोध किया। यदि हत्या के आरोपित निर्दोष हैं तो डर किस बात का! जांच चाहे जिस एजेंसी से कराई जाए, डर केवल घटना में संलिप्त व्यक्तियों को हो रहा होगा। निर्दोष को सीबीआइ क्या जबरदस्ती जेल में भेज देगी! उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सुशांत के स्वजनों और समर्थकों को खुशी हुई होगी।


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