सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया को लगाई फटकार- केवल इंटरव्यू चाहिए, पीडि़ताओं की चिंता नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले को लेकर मीडिया पर नाराजगी जताते हुए आदेश दिया है कि अब बच्चियों की मोरफेड तस्वीरें भी मीडिया के किसी माध्यम पर नहीं दिखनी चाहिए।
पटना [जेएनएन]। सुप्रीम कोर्ट ने आज मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण कांड मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के लिए आदेश जारी किया है कि किसी भी मामले में बच्चियों की तस्वीर छापी या चलाई नहीं जा सकती। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि बच्चियों की किसी तरह की मोरफेड तस्वीर भी मीडिया में नहीं चलाई जाएं।
आज के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किसी भी तरह से दुष्कर्म पीड़ित बच्चियों की तस्वीरें इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया पर चलाने पर रोक लगा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िताओं के इंटरव्यू पर भी मीडिया को फटकार लगाई है और कहा कि सबको सिर्फ इंटरव्यू चाहिए, किसी को पीड़िताओं की चिंता नहीं।
इस मामले को लेकर मीडिया में तमाम तरह की खबरें चल रही हैं और कई चैनलों पर बच्चियों का इंटरव्यू भी प्रसारित किया जा रहा था। कई जगह बच्चियों की मोरफेड तस्वीरें भी चलाई जा रही थीं जिसपर आज सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया है।
बता दें कि बीते दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में बच्चियों से यौनाचार के मामले में सीबीआई ने राज्य सरकार के अनुरोध और भारत सरकार की सिफारिश के बाद पर केस दर्ज कर लिया है और इसकी जांच की जा रही है। इसमें मुजफ्फरपुर बालिका गृह के अधिकारियों और कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है।
इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप है कि ये सेवा संकल्प एवं विकास समिति नाम से संचालित बालिका गृह की बच्चियों का शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण करते थे। पहले इसकी जांच बिहार पुलिस कर रही थी लेकिन सदन और बिहार विधानमंडल में सीबीआइ जांच की मांग उठने पर मुख्यमंत्री ने इसकी जांच सीबीआइ से कराने की बात कही।