SC ने बिहार सरकार से पूछा- मंत्री थी मंजू वर्मा, इसीलिए अबतक गिरफ्तार नहीं हुई?
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में सुप्रीम कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर को बिहार से पंजाब के पटियाला जेल भेजने आदेश दिया है। साथ ही पूछा है कि मंजू वर्मा को अबतक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका संरक्षण गृह यौन उत्पीड़न कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर को बिहार की जेल से पंजाब की पटियाला जेल स्थानांतरित करने का आदेश दिया है।
जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को ब्रजेश ठाकुर के वकील की बिहार से बाहर किसी अन्य राज्य की जेल में स्थानांतरित करने के बारे में जवाब देने के लिए दो सप्ताह का और वक्त दिये जाने की मांग ठुकराते हुए कहा कि जब तक ये बिहार से बाहर नही जाता कोई समय नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि ब्रजेश ठाकुर को बिहार की जेल से पंजाब में पटियाला जेल में स्थानांतरित किया जाए। उसे वहां सुपरिंटेंडेंट आफ पुलिस की निगरानी में रखा जाए।
मंजू वर्मा को गिरफ्तार न किये जाने पर पूछा सवाल
मंगलवार को मामले पर सुनवाई के दौरान जब बिहार सरकार की ओर से बताया गया कि घर से गोला बारूद बरामद होने के मामले में बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्र शेखर वर्मा गिरफ्तार हो चुके हैं। तो याचिकाकर्ता निवेदिता झा की ओर से पेश वकील फौजिया शकील ने कोर्ट से कहा कि शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज इस मामले में दो लोग अभियुक्त हैं। चंद्र शेखर की पत्नी मंजू वर्मा भी अभियुक्त हैं।
मंजू वर्मा की अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट से 9 अक्टूबर को खारिज हो गई थी लेकिन उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर वह मंत्री है तो कानून से ऊपर तो नहीं हो गई। तभी बिहार सरकार के वकील रंजीत कुमार ने कोर्ट को बताया कि मंजू वर्मा इस्तीफा दे चुकी हैं। कोर्ट ने कहा कि इस्तीफा दिये भी वक्त हो गया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि उन्हें क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया। रंजीत कुमार ने इस बारे में निर्देश लेकर सूचित करने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा। कोर्ट ने उन्हें कल तक का समय देते हुए मामले को 31 अक्टूबर को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने चंद्र शेखर की ओर से दाखिल हस्तक्षेप अर्जी भी खारिज कर दी।
इस बीच न्यायमित्र वकील अपर्णा भट्ट ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच से जुड़े सीबीआइ अधिकारी को स्थानांतरित कर दिया गया है। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा कि जब उन्होंने इसके लिए मना किया था तो ऐसा कैसे हुआ। कोर्ट ने जांच अधिकारी के स्थानांतरण मामले में सीबीआइ से कल तक रिपोर्ट मांगी है कोर्ट 31 अक्टूबर को इस मामले को भी सुनेगा।