बिहार में दारोगा परीक्षा व पुलिस बहाली में छात्रों ने लगाया धांधली का आरोप, आंदोलन चलाकर सीबीआइ जांच की मांग
बिहार के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली रोकने एवं पारदर्शिता लाने की मांग को लेकर पटना में छात्र महाआंदोलन कर रहे हैं। बिहार दारोगा भर्ती और पुलिस बहाली परीक्षा में छात्रों ने धांधली का आरोप लगाया है। इसकी सीबीआइ जांच की मांग की।
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली रोकने एवं पारदर्शिता लाने की मांग को लेकर छात्रों का आंदोलन गुरुवार को बड़ा रूप ले लिया। राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के बैनर तले 11 सूत्री मांगों को लेकर यह आंदोलन पटना कॉलेज से आरंभ हुआ। मंच के दिलीप कुमार ने कहा कि बिहार के प्रतियोगी परीक्षाओं मे धांधली रोकने एवं पारदर्शिता लाने, बिहार दारोगा बहाली एवं बिहार पुलिस बहाली मे धांधली की CBI जांच करवाने, भर्ती आयोगों द्वारा वार्षिक कैलेंडर जारी करवाने, सचिवालय सहायक की वैकेंसी जल्द निकालने जैसी 11 मांगें इस आंदोलन में शामिल हैं। पटना कॉलेज गेट से यह आंदोलन जुलूस की शक्ल में निकल कर पटना साइंस कॉलेज, गांधी चौक होते हुए गांधी मैदान के लिए रवाना हुई है। यह जुलूस मुसल्लहपुर, भिखना पहाड़ी, नया टोला, बाकरगंज होते हुए जेपी गोलंबर, गांधी मैदान तक जाएगी।
दारोगा पीटी व मुख्य परीक्षा की कार्बन कॉपी व आंसर-की जारी करने की मांग
छात्रों का आरोप है कि बिहार दारोगा बहाली पीटी एवं मुख्य परीक्षा में धांधली तथा बिहार पुलिस बहाली में धांधली हुई है। इसकी सीबीआइ जांच कराई जाए। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पारर्शिता लाने के लिए ओएमआर शीट का कार्बन कॉपी, प्रश्न पत्र, आंसर-की, कट ऑफ मार्क्स और परीक्षाओं के अंक जारी किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार अविलंब कानून बनाएं। सभी ने स्पष्ट कहा है कि वर्तमान दारोगा बहाली की पीटी व मेंस परीक्षा में गड़बड़ी हुआ है। ऐसे में अविलंब इन परीक्षाओं के काबर्न कॉपी व आंसर-की जारी किए जाएं।
ये भी मांगें हैं शामिल
- सभी भर्ती आयोग का वार्षिक कैलेंडर जारी हो
- सचिवालय सहायक, द्वितीय इंटर स्तरीय की वैकेेंसी जल्दी निकाली जाएं
- सभी प्रतियोगी परीक्षाओं का सेंटर गृह जिले के आसपास के जिले में ही दिया जाएं।
- सभी बहाली स्थानीय हो, नियोजन व संविदा पर बहाली बंद हो।
- बीपीएससी से पीटी से ई विकल्प को हटाया जाएं। साक्षात्कार में पारदर्शिता बरती जाएं।
- महिला आरक्षण का लाभ केवल स्थानीय बिहार के लिए लागू हो।
- राज्य के सभी विवि में स्नातक तीन वर्ष में पूरा हो।
- राज्य में खाली पदों पर अविलंब नियुक्ति हो।