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सीबीएसई डॉक्यूमेंट के लिए छात्र का चेहरा ही पासवर्ड

बड़ा बदलाव -सीबीएसई ने 12 करोड़ विद्यार्थियों का डॉक्यूमेंट किया ऑनलाइन -परिणाम मंजूषा या डिजिलॉकर एप डाउनलोड करने की जरूरत ------------ -2004 से 2020 तक के डाक्यूमेंट एप पर किया गया अपलोड -12 करोड़ देश भर के विद्यार्थियों का डाक्यूमेंट ऑनलाइन जारी ------------ जागरण संवाददाता पटना

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 08:42 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 08:42 AM (IST)
सीबीएसई डॉक्यूमेंट के लिए छात्र का चेहरा ही पासवर्ड
सीबीएसई डॉक्यूमेंट के लिए छात्र का चेहरा ही पासवर्ड

पटना । सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने बड़ा बदलाव करते हुए अब छात्र-छात्राओं के चेहरे को ही पासवर्ड बनाया दिया है। अब छात्र अपना डॉक्यूमेंट परिणाम मंजूषा या डिजिलॉकर एप के माध्यम से निकाल सकते हैं। इसके लिए छात्रों को सिर्फ एप डाउनलोड करना होगा। एप खोलते वक्त छात्रों को पासवर्ड की जगह अपना चेहरा स्क्रीन के सामने करना होगा। एडमिट कार्ड से चेहरा मिलते ही आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

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इस एप से छात्रों को बड़ी सुविधा होगी। छात्रों को पासवर्ड याद करने की भी जरूरत नहीं होगी। न आधार कार्ड नंबर या मोबाइल नंबर याद रखना होगा।

मालूम हो कि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण रिजल्ट के समय अधिकांश बच्चे स्कूल नहीं जा सके थे। ऐसी स्थिति में बच्चों ने सीबीएसई के डिजिलॉकर एवं परिणाम मंजूषा के माध्यम से अंक पत्र, औपबंधिक प्रमाण पत्र एवं माइग्रेशन सहित कई कागजातों को निकालने की कोशिश की, लेकिन उसमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। नई टेक्नोलॉजी का नाम फेस मैचिंग दिया गया है। पिछले पांच वर्षो से कागजात निकालने के लिए छात्र डिजिलॉकर का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन पहली बार छात्रों के चेहरे को पासवर्ड बनाया गया है।

सीबीएसई ने अब तक 12 करोड़ छात्र-छात्राओं के कागजातों को ऑनलाइन कर दिया है। बोर्ड की ओर से 2004 से 2020 तक के डॉक्यूमेंट ऑनलाइन कर दिया गया है। छात्र अपनी सुविधा के अनुसार उन्हें निकाल सकते हैं।

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कक्षा एक से 12वीं तक होगी

मेंटल हेल्थ की पढ़ाई

सीबीएसई ने मेंटल हेल्थ की पढ़ाई पर जोर देते हुए स्कूलों को कक्षा एक से 12वीं तक के छात्रों को मेंटल हेल्थ पढ़ाने का निर्देश दिया है। सीबीएसई का मानना है कि देश भर में मेंटल हेल्थ की समस्या बढ़ रही है। ऐसे में छात्रों को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है। हर कक्षा के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।


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