परीक्षा परिणाम में अनियमितता के विरोध में छात्रों ने किया रेलवे ट्रेक जाम
रेलवे बोर्ड द्वारा आयोजित एनटीपीसी परीक्षा के घोषित परिणाम में अनियमितता का आरोप लगाते हुए मंगलवार को सैंकड़ो छात्रों ने फतुहा स्टेशन के समीप रेलवे ट्रैक को घंटों जाम रखा। साथ ही रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के विरोध में जमकर नारेबाजी किया।
पटना। रेलवे बोर्ड द्वारा आयोजित एनटीपीसी परीक्षा के घोषित परिणाम में अनियमितता का आरोप लगाते हुए मंगलवार को सैंकड़ो छात्रों ने फतुहा स्टेशन के समीप रेलवे ट्रैक को घंटों जाम रखा। साथ ही रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के विरोध में जमकर नारेबाजी किया। छात्रों की मांग है कि रेलवे बोर्ड के द्वारा एनटीपीसी के रिजल्ट को संशोधित कर फिर से रिजल्ट निकाला जाय, ताकि अधिक से अधिक छात्रों को नौकरी का मौका मिल सके। साथ ही रेलवे ग्रुप डी की दो नहीं बल्कि एक परीक्षा ली जाय। सूचना मिलते ही मौके पर आरपीएफ कमांडेंट एसएन ओझा, रेल थानाध्यक्ष भरत उरांव एवं स्टेशन प्रबंधक रणजीत कुमार द्वारा छात्रों को समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन छात्र नहीं माने और इसके बदले में वे रेल प्रशासन पर रोड़ेबाजी करना शुरू कर दिए। तब रेल पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा। इसके बाद आंदोलनकारियों की भीड़ वहां से भाग निकली। वहीं रेल पुलिस इस संबंध में कुछ लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। स्टेशन प्रबंधक रणजीत कुमार ने बताया कि 11:55 बजे छात्रों की भीड़ ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया। उस वक्त फतुहा में कोई यात्री ट्रेन खड़ी नही थी। सभी ट्रेनों का अन्य स्टेशनों पर रोक दी गई थी। करीब दो घंटे बाद दोपहर दो बजे जाम हटाया गया तथा 2:30 बजे से ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ। जाम के वजह से फतुहा से पटना एवं मोकामा की ओर जाने वाले यात्रियों को घंटों ट्रेन के इंतजार में फतुहा स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा।
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दनियावां में रेल परिचालन पर हंगामे का असर
संसू, दनियावां : आरआरबी एनटीपीसी के परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी का आरोप लगा छात्र आंदोलन के कारण फतुहा-दनियावां-इसलामपुर रेलखंड पर कई ट्रेनों के परिचालन में बाधा आ गई। 20802 मगध एक्सप्रेस सोमवार को इसलामपुर तक नहीं गई और पटना से ही दिल्ली के लिए रवाना की गई। मंगलवार को भी हटिया-इसलामपुर, मगध व सवारी गाड़ी ट्रेन भी फतुहा में छात्रों के हंगामा के कारण काफी लेट लतीफी का शिकार हुई। जिसका असर रेल परिचालन पर पड़ा और यात्रियों को घंटों ट्रेनों का इंतजार करना पड़ा। वहीं दैनिक यात्रियों को अपने गंतव्य पर जाने के लिए आटो व अन्य वाहनों का सहारा लेना पड़ा।