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नवादा में शव दफनाने को लेकर विवाद में पथराव, नवादा-जमुई पथ चार घंटे तक रहा जाम

कादिरगंज बाजार में शुक्रवार को एक व्यक्ति का शव दफनाने को लेकर दो गुटों में विवाद हो गया। इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई। जिसके बाद मृतक के स्वजनों ने नवादा-जमुई पथ पर शव को रखकर सड़क जाम कर दिया।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 04:49 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 05:30 PM (IST)
नवादा में शव दफनाने को लेकर विवाद में पथराव, नवादा-जमुई पथ चार घंटे तक रहा जाम
नवादा में हुए बवाल के घटनास्थल पर जुटे लोग व पुलिस।

नवादा, जेएनएन। कादिरगंज ओपी क्षेत्र के कादिरगंज बाजार में शुक्रवार को एक व्यक्ति का शव दफनाने को लेकर दो गुटों में विवाद हो गया। इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई। जिसके बाद मृतक के स्वजनों ने नवादा-जमुई पथ पर शव को रखकर सड़क जाम कर दिया। करीब चार घंटे तक पथ जाम रहा। जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी हुई। बाद में पुलिस के पहुंचने पर मामला शांत हो सका। 

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बताया जाता है कि कादिरगंज बाजार निवासी मथुरा गोस्वामी का निधन हो गया था। परिवार के सदस्य जोगिया पोखर के पास शव को दफनाने पहुंचे थे। इस दौरान कमलेश कुमार नामक शख्स ने अपनी जमीन बताते हुए वहां पर शव को दफन करने से रोक दिया। जिसके बाद दोनों गुटों में विवाद हो गया। इस बीच पत्थरबाजी भी हुई। जिसके बाद स्वजन शव लेकर सड़क पर पहुंच गए और जाम कर दिया। मृतक के स्वजनों ने दूसरे गुट पर पत्थरबाजी करने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दो सौ सालों से गोसाईं समाज के लोगों का शव जोगिया पोखर के पास दफनाया जाता रहा है।

मथुरा के निधन के बाद सुबह में वहां शव दफनाने पहुंचे तो दूसरे गुट के लोगों ने शव दफनाने से रोक दिया। जिसके बाद आक्रोशितों ने पथ जाम कर दिया। गोसाईं समाज के लोगों ने पथ जाम करते हुए श्मशान की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराते हुए उस स्थान की घेराबंदी कराने की मांग की। सड़क जाम की सूचना मिलते ही कादिरगंज ओपी अध्यक्ष सूरज कुमार पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गए और लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन मृतक के स्वजन कुछ भी मानने को तैयार नहीं थे। बाद में मामला शांत हो सका।

कई थानों की पुलिस पहुंची कादिरगंज

कई घंटे से आक्रोशितों द्वारा सड़क जाम की सूचना मिलने पर कादिरगंज ओपी के साथ ही नगर थाना, मुफस्सिल थाना की पुलिस वहां पहुंच गई। इसी बीच सदर एसडीएम उमेश कुमार भारती, एएसपी अभियान हिमांशु शेखर गौरव, सदर एसडीपीओ उपेंद्र प्रसाद, बीडीओ कुमार शैलेंद्र, सीओ शिवशंकर राय, स्वाट दस्ता के जवान आदि वहां पहुंच गए और लोगों को समझाने-बुझाने में जुट गए। पुलिस को जाम समाप्त कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। तकरीबन चार घंटे तक सड़क जाम रहा। फलस्वरुप यात्रियों को काफी परेशानी हुई। 

प्रशासन की पहल पर दफनाया गया शव 

मृतक के स्वजनों व समाज के लोगों की बात सुनने के बाद अधिकारियों ने जोगिया पोखर के पास शव को दफनाने का भरोसा दिलाया। जिसके बाद लोग शांत हुए और जाम को हटाया गया। अधिकारियों की पहल पर उसी स्थान पर शव को दफन किया गया। पुलिस बल की मौजूदगी में यह काम समाप्त हुआ। 

कहते हैं अधिकारी

मृतक मथुरा के स्वजनों के अनुसार जोगिया पोखर के पास गोसाईं समाज के लोगों का शव दो सौ वर्षों दफनाया जा रहा है। उस जमीन को एक व्यक्ति ने अपनी जमीन बताते हुए शव को दफनाने से रोक दिया। जमीन का मामला न्यायालय में भी लंबित है। पहली बार यह मामला संज्ञान में आया है। इसका निराकरण किया जाएगा।

उमेश कुमार भारती, सदर एसडीएम, नवादा।


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