पटना यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव की तेज हुई सरगर्मी, अप्रैल में तैयार होगी वोटर लिस्ट
पीजी में नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने के साथ ही सत्र 2020-21 के छात्र संघ चुनाव की गूंज सुनाई देने लगी है। वोटर लिस्ट तैयार करने को सभी पीजी विभाग एवं कॉलेजों को विश्वविद्यालय स्तर से निर्देश भी दिए जा रहे हैं। 75 फीसदी अटेंडेंसवाले छात्र ही उम्मीदवार होंगे
पटना, जागरण संवाददाता। पटना विश्वविद्यालय में स्नातक व परास्नातक (पीजी) में नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने के साथ ही सत्र 2020-21 के छात्र संघ चुनाव की गूंज सुनाई देने लगी है। अगले एक महीने में इस सत्र की कैजुअल नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद कॉलेजों की वोटर-लिस्ट अप्रैल में तैयार कराने की प्रक्रिया आरंभ होगी। इसके लिए सभी पीजी विभाग एवं कॉलेजों को विश्वविद्यालय स्तर से निर्देश भी दिए जा रहे हैं। वहीं, स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों की ओर से भी कैंपस में मांग उठने लगी है। पटना विश्वविद्यालय में नामांकित सभी छात्र-छात्राओं का नाम वोटर लिस्ट में होगा। 75 फीसद उपस्थिति वाले छात्र-छात्राएं ही चुनाव में उम्मीदवार हो सकेंगे।
2019 में अंतिम चुनाव
2019 में पटना विश्वविद्यालय में आखिरी छात्र संघ चुनाव हुआ है। इसमें जन अधिकार छात्र परिषद (जाप) के प्रत्याशी मनीष कुमार को अध्यक्ष एवं संयुक्त सचिव पद पर आमिर रजा को जीत मिली थी। एबीवीपी को महासचिव पद पर जीत मिली थी। प्रियंका श्रीवास्तव चुनी गई थीं। छात्र राजद के निशांत कुमार ने उपाध्यक्ष पद हासिल किया था। आइसा की कोमल कुमारी ने कोषाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी।
: कोरोना के कारण 2020 में चुनाव नहीं :
वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव प्रक्रिया आरंभ नहीं हो सकी। अब दाखिले की प्रक्रिया खत्म होने के साथ ही छात्रसंघ चुनाव को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
अप्रैल से आरंभ होनी हैं परीक्षाएं
पटना विश्वविद्यालय की ओर से शैक्षणिक सत्र को नियमित करने के लिए तेजी से प्रक्रिया की जा रही है। इसके तहत 27 अप्रैल से ही कई परीक्षाओं को स्नातक की परीक्षाएं आयोजित कराने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत जल्द ही परीक्षा फॉर्म भी भरने की प्रक्रिया आरंभ होगी। ऐसे में परीक्षा के साथ-साथ छात्रसंघ चुनाव कराना छात्रों के लिए भी परेशानी का सबब होगा।
तीन-चार महीने का होगा कार्यकाल
यदि अप्रैल में छात्र संघ चुनाव होता है तो पदाधिकारियों का कार्यकाल महज तीन से चार महीने का होगा। छात्रसंघ का चुनाव एक शैक्षणिक सत्र के लिए कराया जाता है। अगस्त से नया शैक्षणिक सत्र आरंभ हो जाता है। इससे स्वत: चयनित कमेटी निष्क्रिय होकर नया चुनाव की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।
कहते हैं अधिकारी
नामांकन की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। कैजुअल नामांकन के बाद अप्रैल में छात्रों की वोटर लिस्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद छात्र संघ चुनाव को लेकर छात्रों के साथ बैठक होगी। इसमें होने वाले निर्णय के साथ ही चुनाव प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।
- प्रो. गिरीश कुमार चौधरी, कुलपति, पटना विवि।