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कोरोना के कहर से बचने को अगले 30 दिन रहें सचेत, इस अस्पताल में तैयार हैं एक हजार बेड

आने वाले 30 दिन में कोरोना संक्रमण की रफ्तार अगस्त-सितंबर से कहीं तेज हो सकती है। यूरोप-अमेरिका से लेकर दिल्ली तक में कोरोना के मामले बढ़ते देख स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मेडिकल कॉलेजों और सिविल सर्जनों को अलर्ट मोड में रहने को कहा है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 09:01 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 09:01 PM (IST)
कोरोना के कहर से बचने को अगले 30 दिन रहें सचेत, इस अस्पताल में तैयार हैं एक हजार बेड
कोरोना को लेकर अगले तीस दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।

पटना, जेएनएन। त्योहारों का महीना, चुनावी गहमागहमी उस पर ठंड के साथ सुबह-शाम बढ़ा प्रदूषण। नतीजा, आने वाले 30 दिन में कोरोना संक्रमण की रफ्तार अगस्त-सितंबर से कहीं तेज हो सकती है। यूरोप-अमेरिका से लेकर दिल्ली तक में कोरोना के मामले बढ़ते देख स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मेडिकल कॉलेजों और सिविल सर्जनों को अलर्ट मोड में रहने को कहा है। जांच की रफ्तार बढ़ाते रहने और इलाज की समुचित व्यवस्था रखने का निर्देश दिया है। 

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बरतें एहतियात : 

-जब तक बेहद जरूरी न हो, बाहर न जाएं। 

-सुबह-शाम के बजाय धूप तेज होने के बाद बाहर जाएं। 

-जो लोग एक बार हल्के लक्षण के साथ संक्रमित हो चुके हैं, वे खुद को सुरक्षित नहीं मानें। दोबारा संक्रमण का खतरा है। 

-बाहर जाना पड़े तो मास्क और शारीरिक दूरी नियम का पालन करें। 

- घर के युवा लापरवाही नहीं बरतें, उनसे बुजुर्ग व बच्चे हो सकते हैं संक्रमित। 

क्यों बढ़ी चिंता

सुबह-शाम ठंड व नमी बढऩे से संक्रमित के ड्रॉप लेट्स काफी देर तक हवा में रहते हैं। ऐसे में यदि बिना मास्क लोग बाहर जाएंगे तो वे संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही ठंड में फेफड़ों में संक्रमण के मामले सामान्यत: बढ़ते हैं। कोरोना काल में ये और खतरनाक रूप में सामने आ सकते हैं। वहीं, दिवाली, छठ में बाजारों व सड़कों पर लोगों की भीड़ बढ़ेगी। ऐसे में शारीरिक दूरी बरकरार रखने में लापरवाही बरतना भी भारी पड़ सकता है। सबसे खतरनाक यह कि सितंबर के बाद जैसे ही संक्रमण की रफ्तार घटी लोग मास्क और शारीरिक दूरी को लेकर लापरवाह हुए हैं। 

इलाज से बेहतर है बचाव  


एम्स के कोरोना नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि संस्थान हर समय 600 रोगियों को भर्ती कर इलाज करने के लिए तैयार है। यदि जरूरत हुई तो हजार बेड पर भर्ती कर इलाज के लिए एम्स के पास पर्याप्त संख्या में डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ और संसाधन उपलब्ध हैं। हालांकि, यदि हर शख्स सचेत रहे और शारीरिक दूरी बरकरार रखने के साथ मास्क पहने तो कोरोना से बचा जा सकता है। 


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