सांख्यिकी सहायकों को बड़ा झटका, हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
नौकरी से हटाए गए सांख्यिकी सहायक एवं सेवकों को पटना हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। खंडपीठ ने इनके मामले पर 12 अप्रैल को सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पटना [राज्य ब्यूरो]। नौकरी से हटाए गए सांख्यिकी सहायक एवं सेवकों को पटना हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ से भी राहत नहीं मिली है। न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी एवं न्यायाधीश नीलू अग्रवाल की खंडपीठ ने एक साथ कई याचिकाओं को खारिज कर दिया। खंडपीठ ने इनके मामले पर 12 अप्रैल को सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गौरतलब हो कि 2012-13 में बड़ी संख्या में सांख्यिकी स्वयं सेवकों की नियुक्ति की गई थी। उनका काम प्रखण्ड स्तर पर फसल बीमा, जनगणना एवं जन्म मृत्यु दर संबंधी आंकड़ा संग्रह करना था। काम नहीं रहने के कारण जून 2017 में इन्हे काम से हटा दिया गया था। इन लोगों ने सरकार के इस कदम के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
दिनांक 17 जनवरी 2017 को एकलपीठ ने राज्य सरकार के नीतिगत फैसले को सही मानते हुए हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था। लेकिन अगली नियुक्ति में इन आवेदकों को प्राथमिकता देने के साथ-साथ ही उम्रसीमा में भी छूट देने की बात कही थी।
राज्य सरकार द्वारा किसी प्रकार की राहत नहीं मिलने के कारण शंभु कुमार एवं अन्य द्वारा अपील याचिका दायर की गई थी। जबकि राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई थी इन कर्मचारियों को अंतर्राष्ट्रीय योजना से मिल रहे सहयोग के बलबूते रखा गया था। वह योजना समाप्त हो गई है। इसलिए इन्हें आगे बनाए रखना संभव नहीं है।