विरोधियों ने कहा- जो पाप किए हैं लालू ने उसकी सजा भुगतना ही प्रायश्चित
चारा घोटाले में लालू यादव को सजा सुनाये जाने के बाद विरोधियों ने कहा कि विलंब से ही सही पर दोषी को आखिरकार सजा मिल गई। उनहें गरीबों की आह लगी है।
पटना [जेएनएन]। चारा घोटाले मामले में लालू यादव को सजा सुनाये जाने के बाद विरोधियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। भाजपा, जदयू, सहित तमाम विरोधी दल के नेताओं ने कहा कि लालू ने जो पाप किया है, उन्हें उसी की सजा मिली है।
जो पाप किये, उसकी सजा मिली: ललन सिंह
चारा घोटाले के याचिकाकर्ताओं में प्रमुख रहे जदयू के वरिष्ठ नेता और जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने जो पाप किए हैैं उनकी सजा भुगतना ही उनका सही प्रायश्चित है।
सिंह ने कहा कि न्यायपालिका ने साक्ष्यों के आधार पर निर्णय किया है। राजद नेताओं का यह तर्क बिल्कुल ही कुतर्क है कि लालू प्रसाद को चारा मामले में फंसाया गया है। जिस समय 1996 में इस मामले की जांच आरंभ हुई उस वक्त लालू प्रसाद सत्ता में थे तो फिर उन्हें कौन फंसाता? इसके बाद पटना हाईकोर्ट की देखरेख में पूरे प्रकरण की जांच हुई। इसलिए यह कहना कि किसी ने फंसाया और साजिश की, गलत है। न्यायालय ने साक्ष्य देखा और फैसला सुनाया।
सिंह ने कहा कि चारा घोटाले के इस मामले में सजा आने में दो दशक से अधिक लगा। देर से ही सही पर आखिरकार दोषियों को सजा मिल ही गई।
लालू को लगी गरीबों की आह: नित्यानंद राय
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने चारा घोटाले में कहा कि लालू प्रसाद ने गरीबों का निवाला छीना, उन्हें गरीबों की आह लगी है। उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला स्वागतयोग्य है। गरीब जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे हड़प कर-लूट कर जिन लोगों ने भी धन-संपत्ति अर्जित की है उन्हें कानून अपने शिकंजे में लेगा।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने चारा घोटाला नहीं किया होता तो लाखों गरीब-पशुपालक परिवारों की हकमारी न हुई होती। लालू प्रसाद पर फैसला आने के बाद राजद समर्थकों द्वारा किसी अन्य राजनीतिक दल और उनके नेताओं के ऊपर अनर्गल बयानबाजी करना एवं आरोप लगाना सिर्फ एक थोथी दलील है जो शर्मनाक भी है।
अपने कर्मों की सजा भुगत करहे लालू: माले
भाकपा माले ने कहा कि लालू प्रसाद गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों के रहनुमा बताते रहे पर उनके ही हकमारी करते रहे। आज लालू प्रसाद अपने कर्मो की सजा भुगत रहे हैं। माले के सचिव कुणाल ने कहा कि जब लालू प्रसाद पर मुकदमा दायर हुआ और 1997 में पहली बार जेल गए उस वक्त केंद्र में एचडी देवगौडा एवं आईके गुजराल की सरकार थी वहां जब उनको सजा सुनाई गयी तब केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी। इस पूरे दौर में राजद भी केंद्र केंद्र सरकार में शामिल थी। फिर राजद के लोग उन सरकारों पर क्यों नहीं आरोप लगाते हैं? न्यायालय के फैसले का हम सभी को सम्मान करना चाहिए।
लालू को मिली सजा भ्रष्टाचारियों के लिए चेतावनी: राजीव रंजन
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने चारा घोटाले में लालू प्रसाद को कोर्ट से मिली सजा पर कहा कि यह भ्रष्टाचारियों के लिए एक चेतावनी है। उन्होंने लालू की सजा को सत्य और न्याय की जीत करार देते हुए कहा कि आज यह साबित कर दिया कानून के हाथों से गलत काम कर कोई बच नही सकता।
लालू प्रसाद को मिली सजा उन सारे भ्रष्टाचारियों और अपने पद का दुरूपयोग कर जनता का पैसा लूटने वालों के लिए कड़ी चेतावनी है, जो यह सोचते थे कि घोटालों से कमाए पैसे और राजनीतिक रसूख के बलबूते कोई भी भ्रष्टाचार कर कानून से बच सकता है।
उन्हें यह पता लग गया होगा कि एनडीए सरकार भ्रष्टाचारियों को कतई बर्दाश्त नही करने वाली। कालेधन के जो समर्थक मोदी सरकार के खिलाफ प्रोपगेंडा और अफवाह फैला रहे हैं, उन्हें यह समझ जाना चाहिए कि वह कितनी भी झूठ की खेती कर लें, देर-सबेर एनडीए सरकार उन्हें कठघरे में खड़ा करवा कर ही दम लेगी।