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7वें वेतनमान पर लगी बिहार कैबिनेट की मुहर, 7.5 लाख कर्मियों को होगा फायदा

सातवें वेतनमान के लागू होते ही राज्यकर्मियों और पेंशनभोगियों को केंद्र के कर्मचारियों के समान ही वेतन मिलेगा। आज इसपर राज्य कैबिनेट ने भी अपनी मुहर लगा दी है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 16 May 2017 09:52 AM (IST)Updated: Wed, 17 May 2017 10:51 PM (IST)
7वें वेतनमान पर लगी बिहार कैबिनेट की मुहर, 7.5 लाख कर्मियों को होगा फायदा
7वें वेतनमान पर लगी बिहार कैबिनेट की मुहर, 7.5 लाख कर्मियों को होगा फायदा

पटना [जेएनएन]। राज्यकर्मियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य मंत्रिपरिषद ने राज्य वेतन आयोग की सिफारिशों पर मुहर लगाते हुए राज्यकर्मियों को पुनरीक्षित वेतनमान देने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। मंत्रिमंडल के इस फैसले से राज्य के 3.65 लाख राज्यकर्मियों व 3.6 लाख नियोजित शिक्षकों को 1 जनवरी, 2016 से वैचारिक तथा 1 अप्रैल, 2017 से आर्थिक लाभ देय होगा। 

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राज्य सरकार ने सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए पूर्व मुख्य सचिव जीएस कंग की अध्यक्षता में राज्य वेतन आयोग का गठन किया था। जिसकी सिफारिशों के आलोक में राज्यकर्मियों व नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं का लाभ दिया जा रहा है।

मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए मंत्रिमंडल समन्वय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा कि केंद्र के सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप ही राज्यकर्मियों को वेतनवृद्धि का लाभ दिया जा रहा है।

राज्यकर्मियों को बढ़े हुए वेतन का वैचारिक लाभ 1 जनवरी, 2016 से तथा वास्तविक लाभ 1 अप्रैल, 2017 से देय होगा। उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने का सीधा लाभ राज्य के 3.65 लाख राज्यकर्मियों के साथ-साथ छह लाख पेंशनरों और 3.6 लाïख नियोजित शिक्षकों को मिलेगा।

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर राज्य सरकार को हर साल 6.5 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा। इसमें सालाना पांच हजार करोड़ राज्यकर्मियों की वेतनवृद्धि पर तथा डेढ़ हजार करोड़ नियोजित शिक्षकों की वेतनवृद्धि पर व्यय होंगे।

संवाददाता सम्मेलन में मौजूद वित्त विभाग के प्रधान सचिव रवि मित्तल ने बताया कि इसमें राज्यकर्मियों को बढ़ी हुई दरों पर मिलने वाले भत्तों की गणना अभी नहीं की गई है। भत्तों की गणना सातवें केंद्रीय वेतन आयोग में भी लंबित है। इसी के मद्देनजर राज्य सरकार ने राज्य वेतन आयोग का कार्यकाल अगले दो माह के लिए बढ़ा दिया है। इस प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

बता दें कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत राज्य के कुल 3.65 लाख राज्यकर्मी व 3.6 लाख नियोजित शिक्षकों को सीधा लाभ मिलेगा। मेहरोत्रा व मित्तल ने कहा कि राज्य वेतन आयोग ने सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप ही राज्यकर्मियों को मिलने वाले मूल वेतन (पे बैंड) और ग्रेड पे को जोड़कर उसे 2.57 से गुणा करने पर जो राशि आती है, उसी के हिसाब से वेतन में वृद्धि करने का फैसला लिया है।

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यही फार्मूला नियोजित शिक्षकों की वेतनवृद्धि में भी अपनाया गया है। संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने कहा कि राज्यकर्मियों के भत्तों में प्रस्तावित वृद्धि का लाभ भी नियोजित शिक्षकों को मिलेगा। उन्हें राज्यकर्मियों की तरह ही आवासीय व चिकित्सा भत्ता का लाभ दिया जा रहा है।

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