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नेपाल-बिहार बॉर्डर पर SSB जवानों को मिली बड़ी सफलता, 30 लाख के चरस के साथ तस्कर गिरफ्तार

भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। बॉर्डर पर से लाखों के चरस के साथ एक तस्‍कर को एसएसबी के जवानों ने गिरफ्तार किया है।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 05:02 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 06:08 PM (IST)
नेपाल-बिहार बॉर्डर पर SSB जवानों को मिली बड़ी सफलता, 30 लाख के चरस के साथ तस्कर गिरफ्तार
नेपाल-बिहार बॉर्डर पर SSB जवानों को मिली बड़ी सफलता, 30 लाख के चरस के साथ तस्कर गिरफ्तार

सीतामढ़ी, जेएनएन। भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। बॉर्डर पर से लाखों के चरस के साथ एक तस्‍कर को एसएसबी के जवानों ने गिरफ्तार किया है। उसके पास से 1.480 किलोग्राम चरस बरामद हुआ है। जब्त चरस का अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य 29 लाख 60 हजार रुपये आंका गया है। बताया जाता है कि डेढ़ किलो चरस देख थोड़ी देर के लिए पुलिस भी अचंभित हो गयी थी। बता दें कि हाल के दिनों में इतनी बड़ी मात्रा में चरस जब्त होने की यह पहली घटना है।

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इस संबंध में कैंप कमांडर राकेश सूरी ने बताया कि गुरुवार देर रात एसएसबी 20 वीं बटालियन की बी कंपनी के जवानों ने गुप्त सूचना के आधार पर शख्स को खदेड़कर पकड़ा। साढ़े तीन किलोमीटर दूर तक पीछा करने के बाद यह शख्स डायन छपड़ा के समीप सुरक्षा बलों के हत्थे चढ़ा।

कैंप कमांडर के मुताबिक गिरफ्तार तस्कर की पहचान मेजरगंज वार्ड-11 हताटोला निवासी चंदेश्वर तिवारी के पुत्र सुधीर तिवारी के रूप में की गई है। कैंप कमांडर राकेश सूड़ी के साथ हेड कांस्टेबल रफीक अंसारी, संग्राम व प्रहलाद भामो ने सूचना पर शख्स का बॉर्डर के पीलर नंबर 334/1 से पीछा करते हुए 3.5 किमी दूर थानाक्षेत्र के डायन छपड़ा के समीप से पकड़ा गया।

कैंप कमांडर के मुताबिक तस्कर साइकिल से रीगा पहुंचकर वह अपने अन्य किसी साथी तक चरस को पहुंचाने वाला था। इससे पहले ही गुप्त सूचना पर उसको पकड़ लिया गया। शुक्रवार को एसएसबी ने मेजरगंज थाना पुलिस को चरस के साथ तस्करी के आरोपित शख्स को सौंप दिया। पुलिस ने उससे गहन पूछताछ की है। पुलिस के मुताबिक उसका अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। पूछताछ में उसने कई अन्य साथियों के नाम भी बताए हैं। हालांकि उनके बताए नामों को पुलिस ने फिलहाल सार्वजनिक करने से इनकार किया है, कहा है कि इससे अनुसंधान प्रभावित हो सकता है। बताया जाता है कि पूछताछ में कई अहम खुलासे हो सकते हैं। 


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