सुविधाः डेढ़ करोड़ की संपत्ति का महज 100 रुपये में किया बंटवारा, जानें कैसे
पटना में अब बहुत से काम आसान तरीकों से होने लगे हैं। इसमें एक संपत्ति का बंटवारा भी है। लाखों की बजाए अब महज सौ रुपये में आप अपनी संपत्ति किसी ओर के नाम कर सकते हैं।
मृत्युंजय मानी, पटना। दिल्ली से पटना आई शाजिया फैयाज ने नववर्ष के प्रथम दिन पारिवारिक संपत्ति का बंटवारा महज 100 रुपये में कराया। वे छज्जूबाग स्थित जिला निबंधन कार्यालय पहुंचीं, 50 रुपये का स्टांप और 50 रुपये शुल्क जमा कराकर अपनी संपत्ति का बंटवारा कुछ ही देर में करा लिया। बोलीं, हमने सोचा भी नहीं था कि इतनी जल्दी सरल तरीके से संपत्ति का बंटवारा हो जाएगा। मेरे 15 लाख रुपये से अधिक बच गए।
एक्जीबिशन रोड में डेढ़ करोड़ की संपत्ति
शाजिया ने अपने पति 45 वर्षीय फैयाज अहमद, बेटी रीबा फैयाज उर्फ सआद इमरोज, बेटे जहीन फैयाज उर्फ समर फैयाज और अमीर फैयाज उर्फ ओसामा फैयाज के नाम पर संपत्ति का बंटवारा किया। उनकी एक्जीबिशन रोड में करीब डेढ़ करोड़ की संपत्ति है। इसमें फ्लैट और व्यावसायिक दुकानें थीं। अपने दोनों बेटों, बेटी और पति के नाम संपत्ति की। बताया इसी उम्र में संपत्ति का बंटवारा कर दिया। बुढ़ापे में कोई विवाद न हो सके इसलिए यह फैसला किया। शाजिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नए कानून के लिए जमकर तारीफ की। बरबस मुंह से निकल गया- थैंक्यू सीएम। महज 100 रुपये में पारिवारिक संपत्ति का बंटवारा हो जाएगा, यह सोचा नहीं था। आज ही दिल्ली वापस लौट रही हूं। वहीं रहकर बेटी को पढ़ाती हूं। पारिवारिक बंटवारा कानून लागू होने के पहले मार्केट वैल्यू रेट के अनुसार शुल्क लगता था। संपत्ति की वैल्यू का छह फीसद स्टांप तथा दो फीसद राशि शुल्क में ली जाती थी। यानी डेढ़ करोड़ की संपत्ति पर 15 लाख रुपये खर्च करने पड़ते थे। तीन आदमी के बीच संपत्ति बंटवारे पर एक शेयर माफ रहता था।
लाना है सिर्फ जमीन का दस्तवेज
मद्य, निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के हस्ताक्षर से राज्यपाल के आदेश पर सात दिसंबर 2018 को पैतृक/ पारिवारिक संपत्ति का बंटवारा संबंधित अधिसूचना निर्गत हुई थी। इसमें पैतृक एवं पारिवारिक संपत्ति का बंटवारा स्टांप डयूटी और रजिस्ट्री फीस के रूप में 50 रुपये लिए जाने का आदेश निर्गत हुआ है। अब तक पटना जिला निबंधन कार्यालय में पारिवारिक संपत्ति के बंटवारा कराने के लिए पांच लोग आए हैं। सिर्फ जमीन का दस्तवेज लेकर आना है। स्टंप शुल्क बैंक में जमा करें या जिला निबंधन कार्यालय में स्थित स्टॉक होडिंग काउंटर पर जमा कर सकते हैं।