चुनावी शांति के लिए अब भारत-नेपाल सीमा पर नजर
बिहार विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान आगामी 1 नवंबर को होना है। जिसमें राज्य के सात जिलों की कुल 55 सीटों पर मतदान होना है। सुरक्षा को लेकर नेपाल से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित तीन जिलों में सुरक्षा की कमान सशस्त्र सीमा को बल सौंपी गई है।
पटना। नक्सलियों की मांद से लेकर घने जंगलों, पहाडिय़ों और मैदानी हिस्सों से होते हुए बिहार का सत्ता संघर्ष अब पड़ोसी मुल्क नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा तक पहुंच चुका है। लिहाजा तीसरे चरण का मतदान समाप्त होते ही केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने सूबे की सीमाई जिलों का रुख कर लिया है।
यहां सुरक्षा की कमान मुख्य रूप से सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को सौंपा गया है, जबकि सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और शिवहर के नक्सल प्रभावित इलाकों में सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन की भी तैनाती की जा रही है।
यह चुनाव आयोग और केंद्रीय सुरक्षा बलों की फूल प्रूफ रणनीति का ही परिणाम है कि आधी से भी अधिक सीटों पर मतदान के दौरान या उसके बाद किसी भी स्थान पर नक्सली ङ्क्षहसा की कोई वारदात नहीं हुई है।
सुरक्षा को लेकर तेजी से बदल रही रणनीति के तहत नेपाल से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित तीन जिलों पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और शिवहर में सुरक्षा की कमान सशस्त्र सीमा को बल सौंपी गई है। इसके पीछे तर्क यह है कि एसएसबी को बॉर्डर मैनेजमेंट में विशेषज्ञता हासिल है। नेपाल की सीमा की चौकसी भी इसी के हवाले है।
बिहार विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान आगामी 1 नवंबर को होना है। जिसमें राज्य के सात जिलों की कुल 55 सीटों पर मतदान होना है। सीआरपीएफ के बिहार सेक्टर के आइजी और चुनाव में सुरक्षा बलों का मूवमेंट व उनकी तैनाती निर्धारित कर रहे अरुण कुमार ने बताया कि चौथे चरण के मतदान वाले सभी 55 विधानसभा सीटों पर अद्र्धसैनिक बलों की तैनाती का काम गुरुवार से शुरू कर दिया गया है।
लेकिन इस बार सुरक्षा को लेकर उनकी रणनीति में बड़ा बदलाव किया गया है। हालांकि उन्होंने अपनी रणनीति के बारे में बताने से इन्कार कर दिया।
सूत्र बताते हैं कि नेपाल सीमा से लगे जिलों में जहां एसएसबी की तैनाती की जा रही है, वहीं नक्सल प्रभावित जिलों की कमान सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, बीएसएफ समेत अन्य केंद्रीय अद्र्धसैनिक बलों के हाथों में होगी।
इस बीच, राज्य पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों ने की मानें तो सीतामढ़ी,, शिवहर, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण व पश्चिमी चंपारण के नक्सल प्रभावित इलाकों में सर्विलांस का काम शुरू कर दिया गया है। इन इलाकों में कॉंबिंग ऑपरेशन पूरी रफ्तार में है।